कॉन्ग्रेस नेता अलका लाम्बा (Congress Leader Alka Lamba) आजकल अपने नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) से प्रेरणा ले रही हैं। अय्यर की तरह उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है।
लाम्बा ने स्कूली बच्चों की मार्क्सशीट की तरह ही एक मीम बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिपोर्ट कार्ड ट्वीट किया है। मीम रिपोर्ट कार्ड के साथ लाम्बा ने ट्वीट कर लिखा, “नालायक को कितनी बार कहा था – जुमले-बाजी छोड़ थोड़ी मेहनत कर ले – पर यह किसी एक सुने तब ना – फेल तो होना ही था।”
नालायक को कितनी बार कहा था – जुमले-बाजी छोड़ थोड़ी मेहनत कर ले – पर यह किसी एक सुने तब ना – फेल तो होना ही था. pic.twitter.com/qbGLiDD6nF
— Alka Lamba (@LambaAlka) July 12, 2022
लाम्बा ने ट्वीट में जिस भाषा का उपयोग किया है, वह आमतौर पर एक माँ अपने बच्चों को उलाहना के तौर पर देती है। लेकिन, लाम्बा ने देश के प्रधानमंत्री के लिए ये शब्द इस्तेमाल कर न सिर्फ अपने व्यक्तित्व के काले पक्ष का प्रदर्शन किया है, बल्कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा का भी ख्याल नहीं रखा है। यह सार्वजनिक जीवन के सिद्धांतों के पूरी तरह खिलाफ है।
लाम्बा यहीं नहीं रूकीं। उन्होंने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए और भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने लिखा, “उपर से अब ये भी 🙁 – इसे तो झोला देकर घर से निकाल ही देना चाहिए।”
उपर से अब ये भी 🙁 – इसे तो झोला देकर घर से निकाल ही देना चाहिए. pic.twitter.com/4jv5TwPVoi
— Alka Lamba (@LambaAlka) July 12, 2022
इसके पहले भी लाम्बा कई बार आपत्तिजनक बयान और ट्वीट कर लोगों के निशाने पर आ चुकी हैं। कोरोना के दौरान उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसको लेकर उन पर FIR भी दर्ज की गई थी।
कॉन्ग्रेस में अलका लाम्बा अकेली नहीं हैं, जो भाषा की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को लाँघ जाती हैं। उनके वरिष्ठ मणिशंकर अय्यर ने जब-जब मुँह खोला है, उससे भाषाई दुर्गंध और नफरत के भभूके ही आएँ हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ बोल चुके हैं।
दिसंबर 2013 में मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी के लिए ‘जोकर’ शब्द प्रयोग करते हुए कहा था, ”चार-पाँच भाषण देकर उन्होंने बता दिया है कि कितने गंदे-गंदे शब्द उनके मुँह में हैं। उन्हें न इतिहास पता है, न अर्थशास्त्र और न ही संविधान की जानकारी है। जो मुँह में आता है, बस बोलते रहते हैं।”
साल 2014 लोकसभा चुनाव के उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि ये बहुत नीच किस्म का आदमी है। इसमें कोई सभ्यता नहीं है। ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?” जब उनके इस बयान पर देश भर में बवाल हुआ तो कॉन्ग्रेस ने उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी थी।
उन्होंने उस वक्त यह भी कहा था, “एक चाय बेचने वाला (नरेंद्र मोदी) कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। अगर वह (पीएम मोदी) चाहे तो कॉन्ग्रेस कार्यालय में आकर चाय बेच सकते हैं।” इस बयान पर भी खूब बवाल हुआ था।
इतना ही नहीं, अय्यर ने साल 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को नालायक कहा था। हालाँकि, उस वक्त उन्होंने माफी माँग ली था और तर्क दिया था कि उन्हें हिंदी के शब्दों की उतनी समझ नहीं है। बता दें कि अय्यर भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रह चुके हैं।