Thursday, May 2, 2024
Homeराजनीतिअलका लाम्बा की PM मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, बता दिया 'नालायक': मणिशंकर अय्यर की...

अलका लाम्बा की PM मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, बता दिया ‘नालायक’: मणिशंकर अय्यर की ‘जोकर, नीच और चायवाला’ की परिपाटी को बढ़ा रहीं आगे

2014 लोकसभा चुनाव के मणिशंकर अय्यर ने कहा था, "मुझे लगता है कि ये बहुत नीच किस्म का आदमी है। इसमें कोई सभ्यता नहीं है। ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?" जब उनके इस बयान पर देश भर में बवाल हुआ तो कॉन्ग्रेस ने उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्‍म कर दी थी।

कॉन्ग्रेस नेता अलका लाम्बा (Congress Leader Alka Lamba) आजकल अपने नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) से प्रेरणा ले रही हैं। अय्यर की तरह उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है।

लाम्बा ने स्कूली बच्चों की मार्क्सशीट की तरह ही एक मीम बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिपोर्ट कार्ड ट्वीट किया है। मीम रिपोर्ट कार्ड के साथ लाम्बा ने ट्वीट कर लिखा, “नालायक को कितनी बार कहा था – जुमले-बाजी छोड़ थोड़ी मेहनत कर ले – पर यह किसी एक सुने तब ना – फेल तो होना ही था।”

लाम्बा ने ट्वीट में जिस भाषा का उपयोग किया है, वह आमतौर पर एक माँ अपने बच्चों को उलाहना के तौर पर देती है। लेकिन, लाम्बा ने देश के प्रधानमंत्री के लिए ये शब्द इस्तेमाल कर न सिर्फ अपने व्यक्तित्व के काले पक्ष का प्रदर्शन किया है, बल्कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा का भी ख्याल नहीं रखा है। यह सार्वजनिक जीवन के सिद्धांतों के पूरी तरह खिलाफ है।

अलका लाम्बा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

लाम्बा यहीं नहीं रूकीं। उन्होंने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए और भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने लिखा, “उपर से अब ये भी 🙁 – इसे तो झोला देकर घर से निकाल ही देना चाहिए।”

इसके पहले भी लाम्बा कई बार आपत्तिजनक बयान और ट्वीट कर लोगों के निशाने पर आ चुकी हैं। कोरोना के दौरान उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसको लेकर उन पर FIR भी दर्ज की गई थी।

कॉन्ग्रेस में अलका लाम्बा अकेली नहीं हैं, जो भाषा की मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को लाँघ जाती हैं। उनके वरिष्ठ मणिशंकर अय्यर ने जब-जब मुँह खोला है, उससे भाषाई दुर्गंध और नफरत के भभूके ही आएँ हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच’ बोल चुके हैं।

दिसंबर 2013 में मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी के लिए ‘जोकर’ शब्द प्रयोग करते हुए कहा था, ”चार-पाँच भाषण देकर उन्होंने बता दिया है कि कितने गंदे-गंदे शब्द उनके मुँह में हैं। उन्हें न इतिहास पता है, न अर्थशास्त्र और न ही संविधान की जानकारी है। जो मुँह में आता है, बस बोलते रहते हैं।”

साल 2014 लोकसभा चुनाव के उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि ये बहुत नीच किस्म का आदमी है। इसमें कोई सभ्यता नहीं है। ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?” जब उनके इस बयान पर देश भर में बवाल हुआ तो कॉन्ग्रेस ने उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्‍म कर दी थी।

उन्होंने उस वक्त यह भी कहा था, “एक चाय बेचने वाला (नरेंद्र मोदी) कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। अगर वह (पीएम मोदी) चाहे तो कॉन्ग्रेस कार्यालय में आकर चाय बेच सकते हैं।” इस बयान पर भी खूब बवाल हुआ था।

इतना ही नहीं, अय्यर ने साल 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को नालायक कहा था। हालाँकि, उस वक्त उन्होंने माफी माँग ली था और तर्क दिया था कि उन्हें हिंदी के शब्दों की उतनी समझ नहीं है। बता दें कि अय्यर भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रह चुके हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु…. हर जगह OBC का हक मार रहे मुस्लिम, यूँ ही PM मोदी को नहीं कहना पड़ा- मेरे जीते जी...

पीएम मोदी ने कहा कि वे जब तक जिंदा हैं, तब तक देश में धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने देंगे। हालाँकि, कुछ राज्यों में मुस्लिम आरक्षण है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अयोध्या में रामलला के किए दर्शन: हनुमानगढ़ी में आशीर्वाद लेने के बाद सरयू घाट पर सांध्य आरती में भी हुईं...

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अयोध्या पहुँची। राष्ट्रपति ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किए। वहाँ पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रामलला के दर्शन करने पहुंचीं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -