बॉलीवुड अभिनेत्री जायरा वसीम ने इस्लाम का हवाला देते हुए बॉलीवुड को अलविदा कह दिया। उनका करियर अभी सिर्फ 5 साल का ही था। धर्म के नाम पर उनके इस तरह फिल्मों को छोड़ने से एक नई बहस ने पैदा हुई है। कॉन्ग्रेस नेता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने भी बॉलीवुड छोड़ने के लिए ज़ायरा वसीम द्वारा दिए गए कारणों को लेकर निकाह-हलाला की समस्यात्मक इस्लामी प्रथा पर सवाल उठाया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, “हलाला जायज और एक्टिंग हराम, क्या ऐसे तरक्की करेगा हिंदुस्तान का मुस्लिम?” अभिषेक मनु सिंघवी के इस ट्वीट पर बहस छिड़ गई।
Sections of the country especially minorities will remain backward if influencers like you are backing regressive / labelling ideals. https://t.co/Di6EKkTeZk
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) July 5, 2019
कॉन्ग्रेस नेता के ट्वीट पर द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट करते हुए इसे शर्मनाक बताया था। इस ट्वीट में आरफा ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को टैग करते हुए पूछा था कि क्या उन्होंने सिंघवी के शर्मनाक बयान के लिए मंजूरी दी थी। अब इस मामले में मनु सिंघवी ने आरफा पर आक्षेप करते हुए जवाब दिया है। सिंघवी ने जोर देकर कहा कि उनके जैसे प्रभावशाली लोगों के प्रत्यावर्ती और पुरातन (पुराने)आदर्शों का समर्थन करने की वजह से ही देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पिछड़ी बनी रहेगी।
इससे पहले सिंघवी ने इस्लामिक शरिया कानून द्वारा वैध रूप से प्रचलित निकाह हलाला की इस्लामी प्रथा पर सवाल उठाया था। उन्होंने ये बात जायरा वसीम द्वारा सोशल मीडिया पर अकाउंट पर शेयर किए गए पोस्ट के संदर्भ में कहा था। जिसमें जायरा ने कहा था कि बॉलीवुड में अभिनय ने उन्हें अपने मज़हब इस्लाम से दूर कर दिया है। इसलिए वो अल्लाह और इस्लाम की खातिर बॉलीवुड को अलविदा कह रही हैं।
गौरतलब है कि, आरफा खानम शेरवानी को अक्सर फर्जी समाचारों और प्रोपेगेंडा को शेयर करने और समुदाय विशेष की नकारात्मक बातों को छिपाने की कोशिश करते हुए देखा गया है। इससे पहले उन्होंने सपा नेता आज़म खान की अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ जया प्रदा पर शर्मनाक और भद्दी टिप्पणियों का बचाव करने का भी प्रयास किया था।