उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस महिला मोर्चा (पश्चिमी क्षेत्र) की अध्यक्ष प्रीति तिवारी ने पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। दरअसल, मथुरा के वृंदावन में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कॉन्ग्रेस की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर की रविवार (4 जुलाई 2021) को शुरुआत हुई। प्रियंका वाड्रा द्वारा संबोधित किए जा रहे इस प्रशिक्षण शिविर में प्रीति तिवारी का कंधा पकड़कर उन्हें पीछे धकेल दिया गया और प्रवेश करने से रोक दिया गया। उन्होंने पार्टी नेताओं पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रियंका गाँधी नेतृत्व कर रही हैं, लेकिन पार्टी में महिलाओं की इज्जत नहीं है।
#WATCH | Uttar Pradesh Mahila Congress (Western) chief Preeti Tiwari alleges misconduct by some senior party functionaries at a party function in Mathura pic.twitter.com/GVZ5ufeTc8
— ANI UP (@ANINewsUP) July 4, 2021
प्रीति तिवारी ने पत्रकारों से कहा कि जब उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रवेश करने की कोशिश की तो प्रदेश कॉन्ग्रेस के पदाधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। तिवारी ने आरोप लगाया कि यहाँ के नेताओं को तमीज नहीं है। उन्होंने कहा कि कंधा पकड़ कर उन्हें पीछे धकेल दिया गया और कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोका गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित, प्रदेश सचिव योगेश तलान व अन्य लोगों ने उनका कंधा पकड़कर रोका।
उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह पार्टी की पदाधिकारी हैं। यहाँ तक कि एक सामान्य महिला के साथ भी ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। तिवारी ने कहा कि उन्हें कार्यक्रम स्थल पर आने में देर हो गई थी। प्रियंका वाड्रा का लाइव वीडियो चल रहा था। इसलिए वे उसे इंतजार करने के लिए भी कह सकते थे, लेकिन हॉल में प्रवेश करने से रोकने के लिए उन्हें मुझे छूने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने बताया कि योगेश दीक्षित ने ही उनके कंधे को छुआ था।
वहीं, इस घटना पर सफाई देते हुए कॉन्ग्रेस ने कहा है कि पार्टी के नेता उन्हें पहचान नहीं पाए। कॉन्ग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि प्रीति तिवारी को किसी ने नहीं पहचाना इसलिए उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि जब अन्य कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह देखा तो उन्होंने हस्तक्षेप किया और प्रीति तिवारी को अंदर आने की इजाजत दिलाई। यह पूरा मामला एंट्री को लेकर था, क्योंकि सिर्फ डेलीगेट्स को आमंत्रित किया गया था।
हालाँकि, कॉन्ग्रेस का स्पष्टीकरण कहीं से भी औचित्यपूर्ण नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक महिला को छूना और उसके साथ दुर्व्यवहार करना कहीं से भी उचित नहीं है। साथ ही यह भी दिलचस्प है कि जिस उत्तर प्रदेश के कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष अपनी पार्टी की महिला विंग की प्रमुख को पहचान नहीं पाने का दावा कर रहे हैं, वहाँ अगले साल मतदान होना है।