Sunday, September 8, 2024
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कॉन्ग्रेस में हुए किनारे तो बोले शशि थरूर- मैं मोदी विरोधी नहीं, बताया- प्रचार करना चाहते थे पर सूची में नहीं रखा नाम

कुछ दिन पहले ही यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के एसोसिएट प्रोफेसर सोशियोलॉजिस्ट सैल्वाटोर बेबोनेस ने कहा था कि भारत का बुद्धिजीवी वर्ग मोदी और भाजपा विरोधी के साथ-साथ देश विरोधी भी है। उन्होंने कहा कि भारत को फासीवादी दर्शाने के पीछे भारत का बुद्धिजीवी वर्ग और ग्लोबल मीडिया है।

गाँधी परिवार समर्थित मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हारने के बाद पार्टी शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे बुद्धिजीवी हैं, लेकिन मोदी विरोधी या देश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई के बड़ी सरकार के खिलाफ है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के एसोसिएट प्रोफेसर सोशियोलॉजिस्ट सैल्वाटोर बेबोनेस ने कहा था कि भारत का बुद्धिजीवी वर्ग मोदी और भाजपा विरोधी के साथ-साथ देश विरोधी भी है। उन्होंने कहा कि भारत को फासीवादी दर्शाने के पीछे भारत का बुद्धिजीवी वर्ग और ग्लोबल मीडिया है।

आजतक से बातचीत में थरूर ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करते हैं। उनका विरोध सिर्फ राजनीतिक और एक सरकार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कई योजनाओं को आगे बढ़ाया, जिसकी शुरुआत कॉन्ग्रेस ने की थी लेकिन एक बार भी इसका श्रेय पार्टी को नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वे भाजपा का विरोध करते रहेंगे।

थरूर ने आगे कहा कि एक बुद्धिजीवी होने के नाते वे भारत के खिलाफ नहीं हैं और ना ही मोदी के विरोधी हैं। थरूर का कहना है कि उनका विरोध तो सिर्फ एक बड़ी सरकार तक सीमित है। थरूर ने कहा कि जनता की आवश्यकताएँ सर्वोपरि हैं।  

शशि थरूर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात में जारी विधानसभा चुनावों के लिए प्रचारकों की सूची ममें शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “मैं गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार करना चाहता था, मगर मुझे पार्टी ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल नहीं किया।”

उन्होंने कहा, “पार्टी को शायद मेरी सर्विस की वहाँ आवश्यकता नहीं है। वैसे भी यदि मैं बिना स्टार प्रचारक बने किसी चुनावी प्रदेश में जाता हूँ तो चुनाव आयोग द्वारा एक्शन लिया जा सकता है। उम्मीदवार के खर्चे से पैसे काटे जा सकते हैं।”

बता दें कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हारने के बाद शशि थरूर को पार्टी में एक तरह से साइड लाइन कर दिया गया है। पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में बनाई गई कॉन्ग्रेस की नई कार्यसमिति (CWC) में शशि थरूर को जगह नहीं मिली है।

इस कमेटी में 47 सदस्यों को जगह दी गई है। इसमें सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, मनमोहन सिंह, दिग्विजय सिंह, हरीश रावत, एके अंटनी, अभिषेक मनु सिंघवी, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, दिअंबिका सोनी आदि के नाम शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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