महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल का विस्तार क्या हुआ, तीनों दलों के कई विधायक अपनी ही पार्टियों से नाराज़ नज़र आ रहे हैं। जहाँ एक तरफ बीड जिले में एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंकी ने अपनी ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया, पुणे में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने ही दफ्तर में जम कर तोड़फोड़ मचाई। ताज़ा मामला पुणे की भोर सीट से विधायक संग्राम थोपते को मंत्रिपद न मिलने का है। वो वयोवृद्ध कॉन्ग्रेस नेता अनंतराव थोपते के बेटे हैं। उनके समर्थकों ने पुणे में कॉन्ग्रेस कार्यालय में भारी तोड़फोड़ मचाई।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार (दिसंबर 30, 2019) को अपने मंत्रिमंडल में 36 नए मंत्रियों को शामिल किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री को मिला कर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में कुल 43 सदस्य हो गए हैं। उद्धव के बेटे आदित्य, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और अमित देशमुख नए मंत्रियों में प्रमुख नाम हैं। पुणे पुलिस ने बताया कि थोपते के नाराज़ समर्थकों ने कॉन्ग्रेस कार्यालय पर हमला बोल दिया और वहाँ मौजूद कुर्सियों व गद्दों को फेंक डाला।
पुणे में पार्टी के दफ्तर ‘कॉन्ग्रेस भवन’ में कॉन्ग्रेस के ही कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाया। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में परिवारवादी नेताओं को बढ़ावा दिए जाने का आरोप लग रहा है, जिसके बाद बगावत के सुर उठने लगे हैं। मजालगाँव से 4 बार चुनाव जीतने वाले विधायक प्रकाश सोलंकी ने भी अप्रत्यक्ष रूप से यही आरोप लगा कर इस्तीफा दिया है। एनसीपी नेता सोलंकी ने घोषणा की है कि वो अब राजनीति से ही दूरी बना कर रखेंगे। हालाँकि, उन्होंने ये भी कहा कि उनके इस्तीफे का मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ लेना-देना नहीं है।
#Watch | A day after Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray expanded his cabinet, supporters of Bhor Congress MLA Sangram Thopte Tuesday vandalised their own party office in Pune as he was not included in the ministry.
— The Indian Express (@IndianExpress) December 31, 2019
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पूर्व मुख्यमंत्री सुशिल कुमार शिंदे की बेटी और कॉन्ग्रेस नेता प्रणीति सोलापुर से विधायक चुनी गई हैं। उन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, जिसके बाद वोभी नाराज़ बताई जा रही हैं। उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।