मौका कोई भी कॉन्ग्रेस नेता नेहरू-गॉंधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी दिखाने का अवसर तलाश ही लेते हैं। भारत के स्पेस प्रोग्राम के जनक और अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के संंस्थापक विक्रम साराभाई की जन्मशती पर ऐसी ही चाटुकारिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने दिखाई है।
12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे साराभाई की उपलब्धियों को इस मौके पर हर कोई याद कर रहा है। इंटरनेट सर्च ईंजन गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें याद किया है। लेकिन जयराम रमेश को इस मौके पर भी नेहरू ही याद आए। उन्होंने ट्वीट किया है, “आज विक्रम साराभाई की जन्मशती है जिन्हें नेहरू ने 1962 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को शुरू करने के लिए चुना। सात साल बाद इसरो अस्तित्व में आया। दु:ख की बात है कि साराभाई का दिसंबर 1971 में निधन हो गया।”
Today is the birth centenary of Vikram Sarabhai handpicked by Nehru in 1962 to launch India’s space programme. Seven years later ISRO came into being. Sadly Sarabhai passed away very young in December 1971. (1/2)
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 12, 2019
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “फिर 1972 की शुरुआत में सतीश धवन को इसरो की कमान संभालने के लिए इंदिरा गाँधी ने राजी किया और उन्होंने भारत का गौरव बढ़ाने वाला संगठन बनाया।”
Then Satish Dhawan was persuaded by Indira Gandhi to take charge of ISRO in early 1972 and he created the organisation that is the pride of India. I have written about Dhawan whose birth centenary falls next year in my biography of PN Haksar. (2/2)https://t.co/HB9UTalqKR
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 12, 2019