कई राज्यों में अंदरूनी कलह झेल रही कॉन्ग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए ‘आंदोलन समिति’ (agitation committee) का गठन किया है। अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) ने आज (सितंबर 2, 2021) जानकारी दी कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर आंदोलन की योजना बनाने के लिए दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के अलावा, इस ‘आंदोलन समिति’ में पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा, तेलंगाना के सांसद उत्तम कुमार रेड्डी, और कॉन्ग्रेस नेता मनीष चतरथ, बीके हरिप्रसाद, रिपुन बोरा, उदित राज, रागिनी नायक और जुबेर खान शामिल हैं।
Congress President Smt. Sonia Gandhi has constituted the following committee to plan sustained agitations on nation issues, with immediate effect. pic.twitter.com/KYCJqvckFZ
— INC Sandesh (@INCSandesh) September 2, 2021
दिलचस्प बात यह है कि सोनिया गाँधी की बेटी प्रियंका गाँधी वाड्रा समिति की सदस्य हैं, जबकि उनके बेटे राहुल गाँधी इसके सदस्य नहीं हैं। गौरतलब है कि ज्यादातर झूठे और निराधार दावों पर मोदी सरकार पर हमले शुरू करने में राहुल गाँधी सबसे आगे रहे हैं।
समिति पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले मूल्य वृद्धि, कृषि कानून आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए रणनीति तैयार करेगी। कॉन्ग्रेस नेता उदित राज भी इस नवगठित समिति के सदस्य हैं, उन्होंने कहा, “अब तक कोई बैठक नहीं हुई है, लेकिन मूल्य वृद्धि, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर निरंतर आंदोलन की आवश्यकता है। यह समय की माँग है, देश की जरूरत है, लोगों की जरूरत है। राहुल जी लड़ रहे हैं, किसान भी लड़ रहे हैं, लेकिन इसे और अधिक मजबूत बनाए रखना चाहिए।”
इस 9 सदस्यीय आंदोलन समिति का गठन कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के लिए समारोह की योजना बनाने के लिए 11 सदस्यीय समिति के गठन के बाद किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अध्यक्ष और कॉन्ग्रेस नेता मुकुल वासनिक को उस समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, मीरा कुमार, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, प्रमोद तिवारी, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, केआर रमेश कुमार और प्रद्युत बोरदोलोई समिति के अन्य सदस्य हैं।
यह समिति कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के वार्षिक समारोह की देखरेख करेगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के समानांतर चलेगी। कथित तौर पर, उस समिति की संरचना को लेकर कई कॉन्ग्रेस नेताओं में असंतोष था, जिसमें गुलाम नबी आजाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा और मुकुल वासनिक जैसे जी-23 गुट के कई नेता शामिल थे।