2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रतिबंधित संगठन PFI के राजनीतिक इकाई SDPI ने कॉन्ग्रेस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है। बता दें कि SDPI पर बैन नहीं है। ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ के नाम से ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ चुनावों में हिस्सा लिया करता है। SDPI अब PFI से अपने संबंधों को नकारता है, ताकि उस पर बैन न लगे। अब उसने 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
कॉन्ग्रेस के लिए घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करेंगे SDPI कार्यकर्ता
लेकिन, अब उसने कहा है कि वो मात्र 16 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारेगा। पार्टी का कहना है कि ये निर्णय इसीलिए लिया गया है, ताकि भाजपा को हराने में कॉन्ग्रेस की मदद की जा सके। ‘टाइम्स नाउ’ से बात करते हुए SDPI के नेशनल जनरल सेक्रेटरी इलियास थुम्बे ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए योजना बनाई गई है, उसी के तहत ये निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि जमीनी स्थिति कॉन्ग्रेस की जीत के लिए मुफीद नजर आ रही है।
साथ ही उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की भविष्यवाणी भी की। उन्होंने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर कॉन्ग्रेस और JDS के लिए चुनाव प्रचार करने को कह दिया गया है। कॉन्ग्रेस पार्टी ने भी अपने चुनावी घोषणापत्र में ‘बजरंग दल’ को प्रतिबंधित करने का वादा कर के मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर आगे बढ़ने का फैसला लिया है। SDPI पिछले चुनाव में भी कॉन्ग्रेस की मदद कर चुका है।
घोषणापत्र में कॉन्ग्रेस पार्टी ने मानी PFI की बात
एक और बात जानने लायक है कि चुनावी घोषणापत्र में कॉन्ग्रेस पार्टी ने उस माँग को मान ली है, जो 1 साल पहले PFI ने उसके सामने रखी थी। फरवरी 2022 में PFI ने माँग की थी कि बजट में अल्पसंख्यकों के लिए 10,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जाए। दक्षिण कन्नड़ के मिट्टूर में हुई बैठक में ये माँग रखी गई थी। आरोप लगाया गया था कि अल्पसंख्यकों के बजट में काफी कमी आई है। इससे मुस्लिमों की प्रगति रुक जाने का आरोप भी लगाया गया था।
Interesting
— Vijay (@centerofright) May 2, 2023
Pic 1 – The now banned PFI has demanded that the Karnataka state government increase the Minorities budget to 10,000 Crs – News article screenshot
Pic 2 – INC Karnataka Promising to increase the budget to the same amount of 10,000 Cr – Screenshot from Manifesto pic.twitter.com/Kb2grNfElo
अब कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि अल्सपंख्यकों के लिए बजट में 10,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जाएगी। ये PFI की माँगों के अनुरूप ही है। हालाँकि, पार्टी ने इसमें बौद्ध, जैन ईसाई और अन्य का भी जिक्र कर दिया है। घोषणापत्र में आरोप लगाया गया है कि मौजूदा भाजपा सरकार वोटों का ध्रुवीकरण कर के सत्ता पाने के लिए अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित कर रही है। साथ ही संविधान की दुहाई भी दी गई है।