कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। पहले सांसदी गई। उसके बाद आवास खाली करने का नोटिस मिला। अब उनके खिलाफ मानहानि का परिवाद दाखिल किया गया है। यह राष्ट्रीय सेवक संघ (RSS) की तुलना कौरवों से करने से संबंधित है।
आरएसएस के एक कार्यकर्ता ने यह राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का यह परिवाद उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित द्वितीय न्यायिक मजिस्ट्रेट शिव सिंह की अदालत में दाखिल किया है। इस पर न्यायालय ने सुनवाई की तिथि 12 अप्रैल 2023 तय की है।
रुद्र विहार जगजीतपुर कनखल निवासी कमल भदौरिया ने न्यायालय में यह परिवाद दाखिल किया है। इसमें कमल भदौरिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में धारा 370 हटाने, मुस्लिम महिलाओं को अधिकार देते हुए तीन तलाक पर कानून बनाने, राम मंदिर की नींव रखने समेत कई कार्य हुए।
परिवाद में कमल ने कहा कि देश में कहीं पर भी कोई विपत्ति आती है तो संघ अहम भूमिका निभाता है। इसके बावजूद राहुल गाँधी ने 9 जनवरी 2023 को कुरुक्षेत्र अंबाला में संघ को 21वीं सदी का कौरव बताया था। उन्होंने कहा था कि ‘आज के कौरव खाकी हाफ पैंट पहनते हैं और हाथ में लाठी लिए होते हैं’।
कमल ने आगे कहा है कि राहुल गाँधी ने कहा था कि यह देश पुजारियों का नहीं, बल्कि तपस्वियों का है। इस बयान को उन्होंने भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया। परिवाद दाखिल करने के बाद कोर्ट ने राहुल गाँधी को 12 अप्रैल को पेश होने का नोटिस भी जारी कर दिया है।
वहीं, मोदी सरनेम को लेकर राहुल गाँधी को पटना की अदालत ने भी 12 अप्रैल को हाजिर होने के लिए कहा है। राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि उनके मामले में राहुल गाँधी को धारा 317 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए पटना के एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में 12 अप्रैल 2023 को उपस्थित होना है। इसका नोटिस भेज दिया गया है।
सुशील मोदी ने कहा कि धारा 500 के तहत किसी व्यक्ति या समुदाय की मानहानि करना दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा सूरत कोर्ट की तरह ही बिहार में भी उन्हें 2 साल की सजा हो सकती है। सुशील मोदी ने कहा कि राहुल को इस मामले में 6 जुलाई 2019 को पटना की अदालत में हाजिर होकर जमानत लेनी पड़ी थी।