भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले वाले बयान माफी माँग ली है। प्रज्ञा ठाकुर के द्वारा महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले वक्तव्य पर विपक्ष ने भारी हंगामा किया था। शुक्रवार (नवंबर 29, 2019) को लोकसभा में उन्होंने कहा माफी माँगते हुए कहा कि उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा, फिर भी अगर किसी को ठेस पहुँचती है तो क्षमा माँगती है। उनका कहना था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस जमकर राजनीति कर रही है। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने जहाँ प्रज्ञा ठाकुर को आतंकवादी कहा, वहीं मध्य प्रदेश के एक कॉन्ग्रेस विधायक ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जिंदा जलाने की धमकी दी है। कॉन्ग्रेसी विधायक गोवर्धन दांगी ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर राज्य में प्रवेश करेंगी तो उन्हें ज़िंदा जला दिया जाएगा।
अब इस पर स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) के पौत्र रणजीत सावरकर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि महात्मा गाँधी की हत्या कॉन्ग्रेस की अनुमति से हुई थी और इसका सबसे ज्यादा फायदा भी कॉन्ग्रेस ने ही उठाया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस गाँधी की हत्या का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करती रही है।
रणजीत सावरकर यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने आगे कॉन्ग्रेस को घेरते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस की अपनी कोई नीति ही नहीं है। वो सत्ता सुख के लिए कुछ भी कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना-एनसीपी और कॉन्ग्रेस गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिवसेना अपने हिंदुत्ववादी छवि से नहीं हटेगी। उनका मानना है कि वो सावरकर के लिए भारत रत्न की माँग उठाती रहेगी। रणजीत सावरकर ने कहा कि शिवसेना नही बदलेगी, बल्कि कॉन्ग्रेस में बदलाव आएगा। कॉन्ग्रेस पहले ही सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ चुकी है।
गौरतलब है कि रणजीत सावरकर ने वीर सावरकर को कथित रूप से ‘राष्ट्रदोही’ कहने के मामले में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है। इसमें राहुल गाँधी के साथ ही कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पार्टी को भी नामजद किया गया है। मुंबई की एक अदालत ने इस मामले में जाँच के आदेश दिए हैं।
बता दें कि अक्टूबर में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल ने कहा था कि सावरकर वीर नहीं थे, बल्कि उन्होंने जेल से रिहा होने के लिए ब्रिटिश सरकार को लिखित प्रार्थना की थी। साथ ही अंग्रेजों से अपनी गतिविधियों के लिए माफी भी माँगी थी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान रणजीत सावरकर ने कहा था कि यह सरासर गलत तथ्य है। उन्होंने कहा था कि वीर सावरकर को अंग्रेजों ने 27 साल जेल में रखा था। रणजीत सावरकर ने शिकायत में कहा है कि राहुल गाँधी और उनकी पार्टी ने स्वतंत्रता सेनानी के ‘‘नैतिक और बौद्धिक चरित्र को नीचा दिखाने’’ की कोशिश की।