राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने भाजपा नेता को नया मुल्ला कहकर बुलाया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूनिया को आदेश दिया है कि वे मुख्यमंत्री को टारगेट करें।
अपनी बात को प्रेस वार्ता में आगे बढ़ाते हुए गहलोत ने इस दौरान कहा कि सतीश पूनिया को उन्हें (गहलोत को) समझने में समय लगेगा। वे नए-नए मुल्ला हैं, जो नया मुल्ला होता है, वो जोर से बांग देता है। उनकी अभी वहीं स्थिती बनी है। उन्हें अमित शाह और नरेंद्र मोदी के इशारे मिले हैं।
हालाँकि इस बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी पलटवार किया है। उन्होंने जवाब दिया है कि मुख्यमंत्री खुद की ही अपनी पार्टी के नेताओं को नहीं पचा पा रहे। इसलिए वे दूसरे नेताओं के बारे में बयानबाजी कर सकते हैं, ये उनका फ्रस्टेशन है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्टेट हाईवे पर फिर से टोल वसूली को लेकर एक दिन पहले कहा था कि दीपावली के तोहफे के लिए जनता तैयार रहे, राजकीय टोल नाकों पर फिर से लगेगा टोल!! राजकीय राजमार्गों पर निजी वाहनों का टोल माफ नहीं होगा। उन्होंने इस फैसले को जन विरोधी फैसला बताते हुए सरकार को जनता विरोधी करार दिया था।
चर्चा;हर्जा;ख़र्चा ~ राजकीय टोल नाकों पर फिर से लगेगा टोल!!
— Satish Poonia (@SatishPooniaBJP) October 30, 2019
राजकीय राजमार्गों पर निजी वाहनों का टोल नहीं होगा माफ,विभाग की ओर से भेजा गया CMO में प्रस्ताव~
दीपावली के तोहफे के लिए तैयार रहे जनता;
जन विरोधी फैसला-जनता विरोधी सरकार।।
जिस पर जवाब देते हुए ही गहलोत ने कहा है कि पूनिया अभी उन्हें समझ नहीं रहे, क्योंकि वे नए मुल्ला है। उनका कहना है कि वसुंधरा राजे की सरकार में लिया गया ये फैसला मेरिट के आधार पर नहीं था। इससे सरकार पर बहुत भार आ रहा था। टोल कंपनी की शर्तों को बिना चर्चा के बदल दिया गया था।
अपने इस फैसले पर गहलोट ने निजी वाहन चलाने वालों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राइवेट गाड़ी चलाने वाले सभी लोग सक्षम हैं, इसलिए वो उम्मीद करते हैं कि प्राइवेट कार चलाने वाले लोग इस फैसले का स्वागत करें ।
गौरतलब है कि इस फैसले से पहले गहलोत सरकार राज्य के सभी दफ्तरों में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की तस्वीर लगाने को भी अनिवार्य कर चुकी है। जिसके लिए खुद मुख्य सचिव ने बाकायदा सभी विभागों को पत्र लिखकर बापू की फोटो लगाने के आदेश दिए हैं। इस कदम के पीछे राजस्थान की वर्तमान सरकार का कहना है कि वे महात्मा गाँधी के आदर्श सिद्धांतों पर चलती है न कि गोडसे या वीर सावरकर के कदमों पर। बता दें कॉन्ग्रेस के इस कदम पर भाजपा ने कॉन्ग्रेस को नसीहत दी थी कि वे ऐसे फरमानों को जारी करने के बजाए काम करने पर ध्यान दें।