महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाला मामले में राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के भतीजे और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने पवार और 70 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बंबई हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से सोमवार को इनकार करते हुए कहा कि जॉंच को रोका नहीं जा सकता।
जस्टिस अरुण मिश्रा और एमआर शाह की पीठ ने हाई कोर्ट के 22 अगस्त के आदेश के खिलाफ कुछ आरोपितों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। पीठ ने कहा कि यह घोटाला बहुत बड़ा है और इसकी जॉंच को रोका नहीं जा सकता।
Supreme Court today declined to entertain the Special Leave Petitions (SLPs) seeking to quash the investigation against NCP leader, Ajit Pawar and other accused, in a Maharashtra Co-operative bank scam. (file pic) pic.twitter.com/Ai0xx0qesJ
— ANI (@ANI) September 2, 2019
हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अजित पवार के अलावा 76 अन्य लोगों के खिलाफ घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी। कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार के दौरान अजित पवार 10 नवम्बर 2010 से 26 सितम्बर 2014 तक उप मुख्यमंत्री रहे थे।
एमएससीबी को 2007 और 2011 के बीच 1000 एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसको लेकर सामाजिक कायर्कर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की पीठ ने कहा था कि मामले में आरोपियों के खिलाफ ‘ठोस साक्ष्य’ हैं।