Sunday, December 22, 2024
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दिल्ली: सरकारी रिकॉर्ड में केवल 68, श्मशान-कब्रिस्तान में कोरोना प्रोटोकॉल से 300 से अधिक का अंतिम संस्कार

ऐसा नहीं है कि केवल कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के तहत होने वाले अंतिम संस्कारों से ही दिल्ली सरकार के आधिकारिक मौतों के आँकड़ों मेल नहीं खा रहे। अस्पतालों के मौत का डाटा भी सरकारी रिकॉर्ड से अलग है।

दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौतों के सरकारी और जमीनी आँकड़ों में काफी फासला दिख रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार श्मशान और कब्रिस्तान में 300 से अधिक अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुए हैं। लेकिन, सरकारी दस्तावेजों में यह संख्या केवल 68 है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के मुताबिक शनिवार तक कोरोना से सिर्फ 68 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के तहत किए गए अंतिम संस्कारों की संख्या 300 से अधिक है।

कोरोना वायरस मरीज की मौत के बाद केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के मुताबिक शनिवार तक कुल 314 अंतिम संस्कार दिल्ली में हुए हैं। इनमें से 225 हिंदू थे। इनमें से 153 का अंतिम संस्कार निगमबोध और 72 का अंतिम संस्कार पंजाबीबाग श्मशान घाट किया गया।

दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर

आईटीओ स्थित कब्रिस्तान में शनिवार तक कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के तहत दफनाए गए लोगों की संख्या 89 थी। रिपोर्ट के मुताबिक 3 को शनिवार को ही दफनाया गया। इस बात की पुष्टि प्रशासनिक समिति के सचिव हाजी फैजुद्दीन ने की है। उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल के अधिकारी संक्रमित मरीज की लाश को लाने से पहले ही कब्रिस्तान के कर्मचारियों को सूचना दे देते हैं।

इस बात की पुष्टि नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश जेपी ने भी की है। उन्होंने बताया कि इससे जुड़े सभी दस्तावेज एमसीडी के पास है। इसे लेकर जेपी ने दिल्ली सरकार पर राजनीति करने और आँकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को दुनिया को सच्चाई बतानी चाहिए और समाज को जागरुक करना चाहिए।

साउथ एमसीडी के (स्थायी समिति) के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, “हम यहाँ लाए जाने वाले कोरोना वायरस के मरीजों का अंतिम संस्कार करने के लिए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस रोगियों के लिए निर्धारित सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पंजाबी बाग श्मशान में 72 दाह संस्कार किए गए हैं।”

आँकड़ों में हेरफेर का आरोप

ऐसा नहीं है कि केवल कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के तहत होने वाले अंतिम संस्कारों से ही दिल्ली सरकार के आधिकारिक मौतों के आँकड़ों मेल नहीं खा रहे। अस्पतालों के मौत का डाटा भी सरकारी रिकॉर्ड से अलग है। रिपोर्ट के मुताबिक एम्स में कोरोना से 18 लोगों की मौत हुई है और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कोरोना वायरस से 52 लोगों की मौत हुई है।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में 52 कोरोना वायरस रोगियों की मौत हुई है, जबकि 528 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज यहाँ भर्ती किए गए हैं। इसके अलावा 3 लोगों की मौत एम्स के झज्जर केंद्र में हुई है और 15 लोगों की मौत एम्स के ट्रामा सेंटर में हुई है।

लेडी हार्डिंग अस्पताल, लोकनायक अस्पताल और राजीव गाँधी अस्पताल में भी कोरोना वायरस की मौतों पर आँकड़ों से हेरफेरी के आरोप सामने आए हैं। सूत्रों ने दैनिक भास्कर को बताया कि लोकनायक अस्पताल में 47 लोगों की, राजीव गाँधी अस्पताल में 6 लोगों की और 3 की लेडी हार्डिंग में मौत हुई है। लेकिन दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में इससे अलग आँकड़े पेश किए गए हैं। इसमें लोकनायक अस्पताल में 26, राजीव गाँधी अस्पताल में 5, जबकि लेडी हार्डिंग में किसी की भी मौत नहीं दिखाई गई है।

दिल्ली सरकार का दावा आँकड़ों में कोई हेरफेर नहीं

अपोलो अस्पताल ने किसी भी तरह के आँकड़ों में हेरफेर के आरोपों का पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार का डाटा उनके रिकॉर्ड से मिलान करता है, जिसमें कि कोरोना वायरस से 8 मौतें दर्ज हैं। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि आँकड़ों को छिपाया नहीं जा सकता है। अस्पतालों को कोरोना वायरस के मरीजों और उनकी मौतों के बारे में राज्य सरकार को जानकारी देनी ही होती है और वही जानकारी केन्द्र को दी जाती है।

पश्चिम बंगाल सरकार पर भी है आँकड़ों को छिपाने का आरोप

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर भी कोरोना वायरस के आँकड़ों को छिपाने का आरोप लग चुका है। यह सामने आया है कि राज्य में महामारी के प्रकोप को कम करने के प्रयासों में पारदर्शिता की कमी है। पहले इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (IMCT) ने भी हॉटस्पॉट्स इलाकों में मरीजों की लगातार देखरेख की आवश्यकता पर जोर दिया था।

राज्य सरकार द्वारा महामारी को लेकर जारी किए गए आँकड़ों में हेरफेर को भी IMCT ने इंगित किया था। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने एक समय में राज्य में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 744 बताई थी, उसी समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 931 बताई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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