कोरोना वायरस के प्रकोप की मार झेल रहे भारत के सामने इस समय पलायन एक गंभीर संकट बनकर खड़ा हो गया है। लॉकडाउन के बावजूद सैंकड़ों की संख्या में मजदूर अपने गाँवों की तरफ भाग रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं। केंद्र ने राज्यों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए राज्य और जिलों की सीमा को प्रभावी तरीके से सील करने को कहा है।
इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए उनके काम करने की जगह पर ही सभी तरह की सुविधाएँ मुहैया कराई जाए। इतना ही नहीं, मजदूरों को समय पर उनके वेतन का भुगतान हो। इसके लिए भी राज्यों को निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय कैबिनेट सचिव और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इस विषय पर शनिवार की देर शाम और आज सुबह राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशक के साथ लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया कि जिले के डीएम और एसपी को इन निर्देशों के पालन के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी किए गए हैं।
केंद्र का कहना है कि इस बारे में शनिवार को यह दिशा-निर्देश दे दिया गया था कि सरकार इस काम के लिए आपदा प्रबंधन के लिए दी गई राशि का प्रयोग भी कर सकती हैं। इसके अलावा यह निर्देश दिया गया कि इस अवधि के लिए मजदूरों से किसी भी तरह के किराए (मकान/घर किराया) की माँग नहीं की जानी चाहिए। साथ ही उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जो मजदूरों या छात्रों को किराया ना देने पर परिसर या मकान खाली करने को कह रहे हैं।
देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही को लेकर भी केंद्र ने राज्यों को उचित कदम उठाने को कहा है। राज्यों को बताया गया कि यह निर्देश जारी किए गए थे कि जिला और राज्य की सीमाओं को प्रभावी रूप से सील किया जाएगा और केवल माल की आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। ये संदेश भी दिया गया है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है और लॉकडाउन की अवधि के दौरान यात्रा की है, उन्हें सरकारी नियम के मुताबिक सरकारी सुविधाओं में न्यूनतम 14 दिनों के लिए रहना होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (मार्च 24, 2020) को देशभर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की। लॉकडाउन का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जहां हैं वहीं रहने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि इस खतरान वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा गया है। इसलिए लॉकडाउन और एक दूसरे से दूरी ही सबसे सफल उपाय है। मगर शनिवार (मार्च 28, 2020) को शहरों से लोगों के पलायन के चलते लॉकडाउन फेल होता दिखा। दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंस नहीं होने से कोरोना का खतरा भी और बढ़ गया है। दिल्ली के सभी बार्डर पर शनिवार को अफरा-तफरी का माहौल दिखा।