जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर हमले के सिलसिले में शिवसेना के दो पदाधिकारी सहित तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं। 30 लोगों पर एफआईआर हुई है। बिहार के आरा में हुए पथराव के बाद कन्हैया कुमार को जान बचाकर भागना पड़ा था। इस दौरान उनके काफिले में शामिल वाहनों ने कई लोगों को कुचल दिया था।
गौरतलब है कि बीते करीब दो हफ्तों में कन्हैया कुमार पर बिहार में आठ बार हमले हो चुके हैं। ‘जन-गण-मन यात्रा’ पर निकले कन्हैया जहॉं भी जा रहे हैं वहीं उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यह यात्रा 30 जनवरी को शुरू हुई थी। शुक्रवार (फरवरी 14, 2020) को उनके काफिले पर हमला तब हुआ था जब वह आरा के रमना मैदान जा रहे थे। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने काफिले पर हमला कर दिया। हमले में कई वाहन क्षतिग्रस्त भी हो गए थे।
इस सिलसिले बिहार पुलिस ने शिवसेना के पदाधिकारियों सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। 30 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। शिवसेना के पदाधिकारियों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिवसेना के महासचिव विक्रमादित्य और संजय गुप्ता को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस रात-दिन छापेमारी में लगी हुई है। वहीं कन्हैया के काफिले से कुचलकर घायल हुए शिवसेना कार्यकर्ता सनी तिवारी का इलाज चल रहा है।
कन्हैया पर हमला करने के मामले में शिवसैनिक गिरफ्तार, 30 के खिलाफ FIR@kanhaiyakumar @ShivSena #Moliticshttps://t.co/giqyyruwta
— Molitics (@moliticsindia) February 16, 2020
कन्हैया के काफिले पर हमले में कई लोग घायल और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। आरोप है कि कन्हैया के कार्यक्रम स्थल पहुँचने से पहले मंच को आग के हवाले करने की भी कोशिश की गई थी।
बिहार में सुशासन नहीं कुशासन है
— Md Salman RaYeen (@MdSalmanRayeen4) February 15, 2020
कॉमरेड कन्हैया की सभाओं में अब तक 8 बार उन पर हमला हो चुका है आरा में तो विरोधियों ने कन्हैया के पहुंचने से पहले ही मंच को आग के हवाले कर दिया…..
पर यह कायरता के मुक़ाबले हौसलों की लड़ाई है जो जारी रहेगी!@kanhaiyakumar pic.twitter.com/eoC4DXdURq
कन्हैया इस यात्रा के तहत अब तक करीब 10 शहरों में जा चुके हैं। यह यात्रा एक महीने तक चलने वाली है। कन्हैया कुमार को लगातार भारी विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। विरोध भी कुछ इस तरह कि लोग कन्हैया पर अंडे, मोबिल और पत्थर तक फेंक रहे हैं। उन पर मोतिहारी, सुपौल, कटिहार, सीवान, मधेपुरा, गोपालगंज, जमुई, गया और सारण सहित कई स्थानों पर हमला हो चुका है। विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि वह देशद्रोही हैं, उनसे देश के लिए बेहतरी की उम्मीद नहीं की जा सकती।