कॉन्ग्रेस के एक युवा तुर्क हैं दीपेंदर सिंह हुड्डा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे। तीन बार लोकसभा के सांसद रहे हैं जूनियर हुड्डा। कुछ दिनों पहले तक पिता के साथ बगावती तेवर में थे। नाराज थे कि राहुल गॉंधी उनके पिता की मान, अशोक तंवर को हरियाणा प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से नहीं हटा रहे। राहुल की जगह जैसे ही सोनिया आईं उन्होंने हुड्डा पिता-पुत्र की मुराद पूरी कर दी। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले तंवर बुझे मन से कॉन्ग्रेस से चले गए।
जाते-जाते तंवर छोड़ गए थे वो मेहनत, जो उन्होंने बतौर प्रदेश अध्यक्ष संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश में की थी। इसका नतीजा 24 अक्टूबर को आए हरियाणा विधानसभा के चुनावी नतीजों में भी दिखा। कॉन्ग्रेस को 31 सीटें मिली। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा अकेले दम पर बहुमत के आँकड़े से पीछे रह गई।
नतीजों के बाद सीनियर हुड्डा ने सबसे पहले काम किया तंवर के पसीने की कमाई को अपने जलवे के तौर पर पेश करने का। फिर वे सरकार बनाने की कोशिशों में जुट गए। निर्दलीय और अन्य विपक्षी दलों को साथ आने का न्योता दिया। लगे हाथ भाजपा पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी मढ़ दिया। हुड्डा के पास 2009 में इसी तरह सरकार बनाने का अनुभव था। लेकिन, वे भूल गए थे कि यह 2019 है। इसलिए उनका दॉंव नाकाम रहा और किसी ने कॉन्ग्रेस के समर्थन का ऐलान नहीं किया।
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अब जबकि राज्य में एक बार फिर भाजपा की ही सरकार बनती दिख रही है, जूनियर हुड्डा फट पड़े हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले विधायकों को धमकाते हुए दीपेंदर हुड्डा ने कहा है, “जो निर्दलीय विधायक खट्टर सरकार का हिस्सा बनने जा रहे हैं, वे अपनी राजनीतिक कब्र खोद रहे हैं। वे जनता के विश्वास को बेच रहे हैं। हरियाणा की जनता ऐसा करने वालों को कभी माफ नहीं करेगी। जनता उन्हें जूतों से पीटेगी।”
DS Hooda,Congress: Independent MLAs who are going to be a part of the Khattar government are digging their own political grave. They are selling the trust of people. People of Haryana will never forgive those who do so. People will thrash them with shoes. pic.twitter.com/VDjpZSBmzL
— ANI (@ANI) October 25, 2019
राजनीतिक वंशवाद के प्रतीक दीपेंदर अतीत में 24 इंच का आलू भी उगा चुके हैं। दिसंबर 2012 में लोकसभा में एफडीआई पर बहस चल रही थी। उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार थी और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। दीपेंदर हुड्डा ने बहस में भाग लेते हुए मैकडॉनल्डस को न्योता दिया किया वे हरियाणा आएँ और उन्हें अंबाला के किसान 24 इंच का आलू पैदा करके देंगे।
उस समय विपक्ष की नेता रहीं सुषमा स्वराज ने दीपेंदर को आईना दिखाते हुए कहा था, “उन्होंने मैकडॉनल्ड्स को दावत दे दी हम 24 इंच का आलू यानी 2 फीट का आलू उन्हें उगा कर देंगे। वो कहते हैं कि मैं किसान का बेटा हूॅं। अरे बेटा, किसान के बेटे हो, लौकी और आलू का अंतर तो समझ लो।” वैसे, जिस अंबाला के भरोसे दीपेंदर ने आलू उत्पादन में चमत्कार कर देने का दावा दिया था, वहॉं की जनता ने इस चुनाव में भी कॉन्ग्रेस पर यकीन नहीं जताया है। अंबाला सिटी और अंबाला कैंट दोनों विधानसभा सीटों पर कॉन्ग्रेस उम्मीदवार बड़े अंतर से हारे हैं।
ऊपर के वीडियो में सुषमा स्वराज का वह जवाब आप भी सुन सकते हैं – 11 से 12 मिनट के बीच।