उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा की है। समीक्षा बैठक के दौरान कार्यों में हो रही देरी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख़ अख़्तियार किया है। नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि जो भी ठेकेदार और अधिकारी कार्य में देरी का कारण बन रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ FIR दर्ज करवाई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे परियोजना में मिशन डायरेक्टर नियुक्त करने के लिए भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मिशन डायरेक्टर सीधे परियोजना स्थलों का दौरा कर गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य को पूरा करवाएगा। इसके अलावा, उन्होंने परियोजना के कार्यों में देरी करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि 12 नवंबर को देव दिवाली का कार्यक्रम वाराणसी में आयोजित होगा, उससे पहले सभी घाटों की साफ़-सफ़ाई हो जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बरेली, आगरा, गाजीपुर और मथुरा में इस परियोजना के तहत आठ जुलाई से कार्य लंबित हैं, इसके लिए सिंचाई विभाग चीफ़ इंजीनियर को नोटिस जारी करके तीन दिन में जवाब देने को कहा है और अगर आवश्यकता पड़ी तो उच्च अधिकारियों को भी जवाबदेह बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कई महीने से अनुपस्थित रहने वाले फिरोजाबाद नगर निगम के चीफ़ इंजीनियर पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।
इसके अलावा, हर विभाग में सुस्त और भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर भी कड़ी नज़र रखी जा रही है। इसी क्रम में सात पीपीएस अधिकारियों पुलिस उपाधीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति दी है उनकी उम्र 50 या उससे अधिक थी। उनके नाम इस प्रकार हैं:
प्रदेश सरकार ने सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी के पद पर कार्यरत अरुण कुमार, फैजाबाद में डिप्टी एसपी विनोद कुमार राणा, आगरा में डिप्टी एसपी नरेंद्र सिंह राणा, सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी झाँसी तेजवीर सिंह यादव, डिप्टी एसपी मुरादाबाद संतोष कुमार सिंह तथा सहायक सेनानायक 30वी वाहिनी पीएसी गोंडा में कार्यरत तनवीर अहमद खाँ को अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की है। इन सभी की आयु 50 वर्ष से अधिक है और इनके ऊपर कार्य में लापरवाही सहित कई अन्य आरोप लगे हैं।