दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी राज्यों में बेरोजगारों के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएँ कर रहे हैं। चाहे उत्तराखंड हो, गोवा, पंजाब हो या गुजरात हर राज्य के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा केजरीवाल ने जो ने बेरोजगार युवाओं ख्वाब दिखाए हैं न। दिल्ली उसी सपने के टूटने का दंश झेल रही है। मतलब जहाँ सत्ता में हैं वहाँ तो रोजगार का आँकड़ा पिछले 9 साल में भी हजार के आँकड़ें तक नहीं पहुँचा लेकिन चुनावी राज्यों में रोजगार देने के साथ-साथ यदि किसी बेरोजगार युवा को रोजगार नही मिल पाता है तो बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी कर डाला है।
दरअसल, केजरीवाल के रोजगार को लेकर बड़े-बड़े वादों और विज्ञापनों की पोल दिल्ली में नौकरियों पर डाले गए एक RTI ने खोल दी है। RTI एक्टिविस्ट विवेक पांडेय के द्वारा दायर की गई एक आरटीआई ने दिल्ली सरकार के कथनी और करनी के अंतर को उजागर कर दिया है। उनकी कथन औऱ करनी में बहुत बड़ा अंतर है, जोकि अब साफ साफ नजर आ रहा है।
दिल्ली में लाखों नौकरियों के वादे निकले झूठ
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा बेरोजगार युवाओं को दिए गए रोजगार की वास्तविक स्थिति जानने के लिए विवेक पांडेय के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से एक आरटीआई रोजगार निदेशालय में दायर की गई थी। जिसमें वर्ष 2014 से 2022 के बीच अब तक दिल्ली सरकार के द्वारा दी गई नौकरियों की कुल संख्या का वर्षवार विवरण एवं नौकरियों की संख्या और दिए गए रोजगार का नाम शामिल था। जिसके जवाब में रोजगार निदेशालय ने जो आँकड़ें दिए हैं। वह चौंकाने वाले है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के झूठे वादों की पोल खोल रहे है।
रोजगार निदेशालय के द्वारा दिए गए जवाब में बताया गया है कि वर्ष 2014 से अब तक मात्र 857 रोजगार ही दिए गए जिसमें 2014 में – 417, वर्ष 2015- 176, वर्ष 2016- 102, वर्ष 2017- 66, वर्ष 2018- 68, वर्ष 2019 – 0, वर्ष 2020- 28 , वर्ष 2021- 0, वर्ष 2022 में भी अभी तक मामला 0 पर अटका हुआ है। इन आँकड़ों को आप दिए गए RTI जवाब में देख सकते हैं।
बता दें कि आरटीआई से मिली यह सूचना स्वयं दिल्ली सरकार की है। इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल स्वयं भी इनकार नहीं कर सकते। यहाँ गौर करने वाली बात यह भी है कि आरटीआई में माँगी गई जानकारी भी अधूरी दी गई है। विभाग ने यह नही बताया कि यह रोजगार के पद क्या हैं, साथ ही इनमें क्या सरकारी एवं प्राइवेट नौकरियाँ दोनों शामिल हैं।
14 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को है दिल्ली में रोजगार ली तलाश
बता दें कि दिल्ली सरकार के द्वारा वर्ष 2020 रोजगार बाजार को लॉन्च किया गया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक, यह पोर्टल बेरोजगार युवाओं और दिल्ली के छोटे व्यापारियों के लिए लाइफलाइन साबित हुआ था। इस पोर्टल पर अब तक 14 लाख बेरोजगार लॉगिन कर चुके हैं। वहीं 10 लाख रोजगार को रोजगार बाजार पोर्टल पर एडवर्टाइज किया गया है।
अब आप खुद समय सकते हैं कि जहाँ अरविन्द केजरीवाल 9 साल से शासन में हैं वहाँ का यह हाल है। दिल्ली में रोजगार की वास्तविक स्थिति दिल्ली सरकार द्वारा ही दिए गए आरटीआई जवाब में साफ-साफ नजर आ रही है। वैसे शुरू से ही अरविंद केजरीवाल के ज्यादातर वायदे झूठे साबित हुए हैं। इन्हें देख कर यही लगता है कि मुख्यमंत्री जी बस सत्ता में आने के लिए जनता से झूठे वादों की एक झड़ी लगा रहे हैं। बस एक बार सत्ता आ जाए बाद की बाद में देखी जाएगी।