उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों में विपक्षी दलों के नेताओं की संलिप्तता भी सामने आ रही है। पार्षद ताहिर हुसैन दंगों का सरगना बनकर उभरा है। स्थानीय लोगों के अनुसार उसकी इमारत में करीब 3000 दंगाई जमा थे जिन्होंने हिंदुओं पर पत्थर और पेट्रोल बम बरसाए। गोलियॉं चलाई। आईबी अधिकारी अंकित शर्मा सहित कई की निर्मम तरीके से हत्या कर दी। ताहिर को आप ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह फरार है। इसी तरीके से कॉन्ग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहॉं पर भी भीड़ को उकसाने का आरोप लगा है। उसकी भी गिरफ्तारी हुई है।
इसके बाद से कॉन्ग्रेस दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। हालाँकि वह साफ तौर परइशरत का नाम लेने से बच रही है। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए दिल्ली पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इस मामले में दखल देने की अपील की है।
It’s time that the SC intervenes effectively to protect the rights of the citizens guaranteed by the Indian Constitution: @AnandSharmaINC pic.twitter.com/ElJs8nqByI
— Congress (@INCIndia) February 29, 2020
पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने यह दावा भी किया कि हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं। लोगों में अब भी भय का माहौल है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “देश के अंदर और दिल्ली में हाल के घटनाक्रमों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं। विरोध करना लोगों का अधिकार है। शासन-प्रशासन का रवैया चिंताजनक है।”
कॉन्ग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से इन मामलों में न्याय सुनिश्चित करवाने के लिए ‘न्यायमित्र’ की नियुक्ति की माँग की है। करनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि राजद्रोह के मामले का दुरुपयोग किया जा रहा है। आनंद शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, “दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जानबूझकर कार्रवाई नहीं हुई। जवाबदेही तय होनी चाहिए। अब जो कार्रवाई हो रही है वह एकतरफा है। जो लोग धरने पर थे उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।”