Sunday, December 22, 2024
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उधर बेल को जीत दिखा रही थी AAP, इधर 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए अरविंद केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट बोला – CM बने रहना है या नहीं इस पर लें निर्णय

दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अब उन्हें भले ही सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है लेकिन अभी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएँगे। उन्हें ईडी के बाद सीबीआई ने अरेस्ट किया था। उस मामले में भी दिल्ली सीएम ने हाई कोर्ट में चुनौती थी। अब मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद यह आदेश आया है। दरअसल, केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। अब तक वे प्रवर्तन निदेशालय (ED) की न्यायिक हिरासत में थे।

दरअसल, सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़ी अनियमितताओं में अरविंद केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक बताया है। राउज एवेन्यू कोर्ट में CBI ने कहा था कि केजरीवाल के करीबी सहयोगी और AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर विभिन्न शराब निर्माताओं और व्यापारियों के संपर्क में थे और आबकारी नीति में उनके अनुकूल प्रावधानों के लिए रिश्वत की माँग की थी।

सीबीआई ने अपने पिछले आरोपपत्र में कहा था कि आम आदमी पार्टी को मिले 100 करोड़ रुपए की रिश्वत में से 44.45 करोड़ रुपए की राशि जून 2021 से जनवरी 2022 के दौरान ‘हवाला चैनलों’ के माध्यम से गोवा स्थानांतरित की गई थी। इन पैसों का उपयोग वहाँ के विधानसभा चुनाव अभियान में पार्टी का प्रचार-प्रसार करने के लिए किया गया था।

राउज एवेन्यू का निर्णय आने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (12 जुलाई 2024) को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी। कोर्ट ने कहा कि चूँकि मामला जीवन के अधिकार से जुड़ा है और गिरफ्तारी का मुद्दा बड़ी बेंच को भेजा गया है, इसलिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए।

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल को तय करना है कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए या नहीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, “हम इस तथ्य से अवगत हैं कि अरविंद केजरीवाल एक निर्वाचित नेता हैं, लेकिन वे पिछले 90 दिनों से अधिक समय से कारावास में हैं।”

उल्लेखनीय है कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अब उन्हें भले ही सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है लेकिन अभी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएँगे। उन्हें ईडी के बाद सीबीआई ने अरेस्ट किया था। उस मामले में भी दिल्ली सीएम ने हाई कोर्ट में चुनौती थी। अब मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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