दिल्ली में 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने हर तरह का हथकंडा अपनाया है। मतदाताओं को रिझाने के लिए आम आदमी पार्टी ने शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को ही अपने चुनाव प्रचार का प्रमुख जरिया बनाया। हालाँकि, खुद अरविन्द केजरीवाल भी जानते हैं कि चाहे शिक्षा हो, मुफ्त बिजली हो, CCTV हो, या फिर स्वास्थ्य का मुद्दा हो, अपने वादों पर उन्होंने जनता को सिर्फ बेवकूफ ही बनाया है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अक्सर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर वाह-वाही लुटते देखे जाते हैं, जबकि वास्तविकता उन ‘वाह-वाही’ के आँकड़ों से एकदम उलट है। दिल्ली शिक्षा के आँकड़ों को देखेंगे तो पता चलता है कि 1032 में से सिर्फ 54 स्कूलों पर ही काम किया गया, बच्चों को जबरन फेल किया गया ताकि बोर्ड में सिर्फ बेहतर बच्चे ही बैठें! यहाँ तक कि मात्र गिने हुए 8 स्कूलों की ही तस्वीरें बार-बार सोशल मीडिया पर शेयर की गईं।
यही नहीं, आम आदमी पार्टी के इस प्रोपेगैंडा में उन्हें मेनस्ट्रीम मीडिया का भी खूब साथ मिला। जैसे कि NDTV के प्रोपेगैंडा पत्रकार रवीश कुमार भी अपने शो के दौरान कई बार यह कहते सुने गए कि दिल्ली में पहली बार शिक्षा के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जा रहा है और इसके लिए वो आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए सुने जाते रहे हैं। हालाँकि,अरविन्द केजरीवाल इस पूरे चुनाव प्रचार के दौरान हिन्दू मतदाताओं को रिझाने के लिए हनुमान चालीसा पढ़ने से लेकर हनुमान मंदिर जाकर तस्वीरें खिंचाते हुए ही देखे गए।
आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली में किए गए शिक्षा सम्बन्धी सुधार की वास्तविकता जानने के लिया यह वीडियो देखें-