दिल्ली विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को मिली शर्मनाक हार के बाद से पार्टी में घमासान मचा हुआ है। एक तरफ पार्टी के नेता अपने ही आला नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं, तो कुछ पार्टी पदाधिकारियों के बीच की अंदरूनी कलह सामने आने लगी है। वहीं अब करारी हार के बाद पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफा देने का भी सिलसिला शुरू हो चला है।
दिल्ली चुनावों के परिणाम की स्थिति मंगलवार को जैसे ही साफ़ होती गई ऐसे ही कॉन्ग्रेस पार्टी में आरोप-प्रत्यारोपों की सिलसिला शुरू हो गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों पर दिल्ली कॉन्ग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने पार्टी के प्रदर्शन पर बुधवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वर्ष 2013 में ही कॉन्ग्रेस की स्थिति खराब होने लगी थी, जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं। ऐसा इसलिए कि पार्टी का वोट बैंक आम आदमी पार्टी की ओर चला गया। चाको ने यह भी कहा कि जब तक आम आदमी पार्टी है, तब तक कॉन्ग्रेस दिल्ली में आगे नहीं बढ़ सकती है।” इसी के साथ पीसी चाको ने अपने प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं दूसरी ओर कॉन्ग्रेस नेता और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा भी अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके हैं।
PC Chacko, Congress on #DelhiResults2020: The downfall of the Congress party started in 2013 when Sheila ji was the CM. The emergence of a new party AAP took away the entire Congress vote bank. We could never get it back. It still remains with AAP. pic.twitter.com/aIpjSqz6bd
— ANI (@ANI) February 12, 2020
पीसी चाको के इस बयान के बाद पार्टी में घमासान शुरू हो गया। इस बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने चाको पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनावी हार के लिए दिवंगत शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। शीला दीक्षित एक बेहतरीन राजनीतिज्ञ और प्रशासक थीं। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली की तस्वीर बदली और कॉन्ग्रेस पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुई। उन्होंने अपना पूरा जीवन कॉन्ग्रेस और दिल्ली के लोगों के लिए समर्पित किया था।”
Sheila Dikshit ji was a remarkable politician & administrator. During her tenure as Chief Minister, Delhi was transformed & Congress was stronger than ever.
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) February 12, 2020
Unfortunate to see her being blamed after her death. She dedicated her life to @INCIndia & the people of Delhi https://t.co/XwQPlHE6cw
वहीं कॉन्ग्रेस नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी चाको पर निशाना साधते हुए कहा, “2013 में जब हम हारे तो कॉन्ग्रेस को दिल्ली में 24.55 फीसदी वोट मिले थे। शीला जी 2015 के चुनाव में शामिल नहीं थीं, जब हमारा वोट प्रतिशत गिरकर 9.7 फीसदी हो गया। 2019 में जब शीला जी ने फिर से कमान संभाली तो कॉन्ग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 22.46 फीसदी हो गया।”
Just a data point. In 2013, when we lost, @INCIndia vote share in Delhi was 24.55%. Sheila ji was not involved in 2015, when the vote share slipped to 9.7%. In 2019, when she was back in charge, the vote share came up to 22.46%. https://t.co/MvwHouRILh
— Pawan Khera (@Pawankhera) February 12, 2020
वहीं इससे पहले मंगलवार को दिल्ली चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस प्रवक्ता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था इस हार के लिए पार्टी नेतृत्व ज़िम्मेदार है। उन्होंने स्वीकार किया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस का पतन हुआ है। बहुत आत्मनिरीक्षण हो चुका है, अब कार्रवाई का वक्त है।
कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता व पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने स्वीकार किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का पतन हुआ है. शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में हमारा एक बार फिर से पतन हुआ. आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका, अब कार्रवाई का वक्त है. pic.twitter.com/TNf4drNcEs
— एन पी पाठक (@NPPathak2) February 11, 2020
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणाम में आम आदमी पार्टी को 70 में 62 और बीजेपी को 8 सीटें मिली हैं, जबकि कॉन्ग्रेस पार्टी अपना खाती भी नहीं खोल सकी। वहीं कॉन्ग्रेस पार्टी अपने 66 उम्मीदवारों मे से 63 उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बचा सकी। इस परिणाम के बाद से ही दिल्ली कॉन्ग्रेस में घमासान मचा हुआ है।