दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पद्म अवॉर्ड्स के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है। लेकिन, जिन नामों को पद्म सम्मान के लिए भेजा गया है, उससे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पर संदेह पैदा होता है, क्योंकि ये वही लोग हैं जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी और केंद्र द्वारा सौतेले व्यवहार का नैरेटिव फैलाने में मदद की थी।
दिल्ली सरकार ने पद्म अवॉर्ड के लिए जो तीन नाम भेजे हैं, उनमें से एक है डॉक्टर एसके सरीन का। वो ‘इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS)’ के निदेशक हैं। उन्होंने 20 अप्रैल, 2021 को एक बयान देते हुए दावा किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है। उन्होंने दावा किया था कि 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड के बदले सिर्फ 300 मीट्रिक टन ही मिल रहा है, जिससे एक बड़ा गैप पैदा हो गया।
दिल्ली सरकार की सिफारिश में दूसरा नाम है डॉक्टर सुरेश कुमार का। वो ‘लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल’ का प्रबंध निदेशक (MD) हैं। 24 अप्रैल, 2021 को उनका बयान आया था कि पिछले 4-5 दिनों से उनके अस्पतालों में सारे बेड्स भरे हुए हैं। उनका कहना था कि कुछ मरीजों को ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल बनाए रखने के लिए प्रति मिनट 40-50 लीटर ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ रही है।
साथ ही उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई चेन के ठीक न होने का दावा भी किया था। दिल्ली सरकार जिस तीसरे डॉक्टर को पद्म अवॉर्ड दिलाना चाहती है, उनका नाम है संदीप बुद्धिराजा। वो मैक्स हॉस्पिटल के क्लिनिकल डायरेक्टर हैं। उन्होंने दिल्ली के अधिकारियों द्वारा ऑक्सीजन की ज़रूरत को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने वाली रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस रिपोर्ट में बदलाव करने की सलाह दी थी।
The names he recommends for Padma Awards.
— Kartikeya Tanna (@KartikeyaTanna) August 29, 2021
The names which made news in April-May.
Just leaving it here without any comment. pic.twitter.com/JyVxpOXeUn
इन तीनों डॉक्टरों के नाम दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता वाली कमिटी ने सुझाए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि इसके लिए उनके पास 9427 सुझाव आए थे। एक और बात जानने लायक है कि डॉक्टर शिव कुमार (SK) सरीन को पहले भी पद्म अवॉर्ड मिल चुके हैं। उन्हें 2007 में यूपीए सरकार ने पद्म भूषण के सम्मान से नवाजा था। अब सोशल मीडिया में आरोप लग रहे हैं कि कोरोना काल में केंद्र सरकार विरोधी माहौल बनाने वालों को केजरीवाल सरकार सम्मानित करना चाहती है
सुप्रीम कोर्ट की ऑक्सीजन ऑडिट टीम से निकले आँकड़े से पता चला था कि दिल्ली सरकार ने 25 अप्रैल से 10 मई तक दूसरे कोविड लहर के चरम के दौरान दिल्ली को ऑक्सीजन की जितनी आवश्यकता थी, उससे चार गुना से अधिक बढ़ा कर दिखाया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली और देश के अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं। जबकि इसके उल्ट AAP सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि ऑक्सीजन से कोई मौत नहीं हुई है।
ये भी याद कीजिए कि ये वही दिल्ली सरकार है, जिसने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों को डॉक्टरों-नर्सों के सहारे और डॉक्टर-नर्सों को भगवान के सहारे छोड़ दिया था। GTB अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने वीडियो बना कर बताया था कि कैसे घर छोड़ कर ड्यूटी करने वाले मेडिकल कर्मियों को खराब खान परोसा जा रहा था। उन्हें सिर्फ दाल-चावल मिलते थे, वो भी ठंडे। अब यही केजरीवाल सरकार बड़े-बड़े अस्पतालों में बड़े-बड़े [पदों पर तैनात डॉक्टरों को पद्म अवॉर्ड्स दिलाना चाहती है।