दिल्ली उच्च न्यायालय ने AAP के संयोजक व प्रदेश के CM अरविंद केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अपनी याचिका में केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ़्तारी PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) की धारा-19 का उल्लंघन है। जस्टिस स्वर्ण कान्त शर्मा ने कहा, “ED द्वारा जुटाए गए तथ्यों से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शराब नीति बनाने की साजिश रची, वो इसका हिस्सा बने और फिर इस अपराध से हुई आय का इस्तेमाल किया।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि वो कठोर रूप से दिल्ली में शराब नीति बनाने और घूस माँगने में व्यक्तिगत रूप से शामिल हैं, साथ ही AAP के संयोजक के रूप में भी वो इस अपराध में शामिल हैं। इस मामले में सरकारी गवाह बने आरोपितों के संबंध में कोर्ट ने कहा कि इससे जुड़ा कानून 100 वर्ष पुराना है और ये कोई 1 साल पुराना कानून नहीं है कि याचिकाकर्ता को झूठ का फँसा दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को गवाहों को क्रॉस-एग्जामिन करने का अधिकार है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि कौन चुनाव लड़ने के लिए टिकट देता है और कौन इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदता है ये हमारी चिंता का मसला नहीं है। जज ने कहा कि जाँच एजेंसी को ये निर्देश नहीं दिया जा सकता कि वो एक व्यक्ति की सहूलियत के हिसाब से जाँच को दिशा दे, वो अपने हिसाब से काम करेगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक आम आदमी और एक मुख्यमंत्री के लिए अलग-अलग कानून नहीं हो सकता। गिरफ़्तारी की टाइमिंग को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ़्तारी और रिमांड को कानून के हिसाब से देखना है, चुनावों को बिना मद्देनजर रखते हुए।
Court records the submissions of Singhvi.
— Live Law (@LiveLawIndia) April 9, 2024
Court: This court is of the opinion, amongst several statements, the statements of Mr. Reddy and Raghav (approvers) have been termed as unreliable.#ArvindKejriwal #ED
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ED द्वारा खुद को गिरफ्तार किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उच्च न्यायलय ने इस संबंध में फैसला सुरक्षित रख लिया था। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने पहले ही कहा था कि उन्हें कोर्ट पर भरोसा नहीं है। बुधवार (3 अप्रैल, 2024) को दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई थी। कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी ने दिल्ली CM की तरफ से पैरवी की थी।
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री KCR की बेटी K कविता की कस्टडी 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है। BRS की के कविता भी शराब घोटाले में फँसी हुई हैं। हालाँकि, उन्होंने अदालत को लिखे पत्र में खुद को पीड़िता बताते हुए कहा है कि ED और CBI पिछले ढाई वषों से मीडिया ट्रायल चला रही है। उन्होंने दावा किया कि शराब घोटाले से उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला है, उन्होंने आरोप लगाया कि उनके व्यक्तिगत एवं राजनीतिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई गई है।
K कविता ने आरोप लगाया कि टीवी चैनलों पर उनके मोबाइल फोन को दिखाया जाता है, जो उनकी प्राइवेसी का उल्लंघन है। BRS की नेता ने जाँच में पूर्ण सहयोग का दावा करते हुए बताया कि उन्होंने अपने बैंक खाते की जानकारियाँ भी जाँच एजेंसियों से साझा कर दी है। उन्होंने जाँच एजेंसियों पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि छापेमारियों से उन्हें शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना हुई है। K कविता ने कहा कि जिन मोबाइल फोन्स के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने नष्ट कर दिया, वो सब वो सौंप देंगी।