दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाते हुए सोमवार (फरवरी 22, 2021) को मामले में आरोपित कॉन्ग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी, कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी और अन्य से भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब माँगा। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में निचली अदालत के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
National Herald Case: Delhi High Court issues notice to Congress leader Sonia Gandhi & Rahul Gandhi on BJP MP Subramanian Swamy’s plea challenging trial court order regarding summoning of various documents & witnesses. Matter slated to be next heard on 12th April. pic.twitter.com/qo96oU9Fsq
— ANI (@ANI) February 22, 2021
स्वामी ने एक निजी आपराधिक शिकायत में सोनिया गाँधी और अन्य लोगों पर धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने एसोसिएटेड पत्रिकाओं के 90.25 करोड़ रुपए की रिकवरी के बदले सिर्फ 50 लाख रुपए का भुगतान किया था।
निचली अदालत ने उनकी याचिका में पेश किए गए प्रमुख साक्ष्यों के आधार पर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, उनके बेटे राहुल गाँधी एवं अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने सोनिया और राहुल गाँधी, एआईसीसी महासचिव ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और ‘यंग इंडिया’ (YI) से 12 अप्रैल तक स्वामी की याचिका पर जवाब देने को कहा।
भाजपा सांसद की ओर से पेश हुए वकील सत्या सभरवाल और गाँधी परिवार तथा अन्य की ओर से पेश हुए वकील तरन्नुम चीमा ने उच्च न्यायालय के नोटिस जारी करने की और सुनवाई 12 अप्रैल तक स्थगित करने की पुष्टि की।
बता दें कि कॉन्ग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई। इसमें सोनिया और राहुल गाँधी सहित मोती लाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। नई कंपनी में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कॉन्ग्रेस प्रमोटेड एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। ED की ओर से शनिवार (मई 9, 2020) को जारी प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में यह ऐक्शन लिया गया। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने 2019 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत 64.93 करोड़ रुपए की गुरुग्राम की संपत्ति कुर्क की थी।