दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार (1 अगस्त 2022) को गोवा में स्थित सिली सोल्स कैफे एंड बार नामक रेस्टोरेंट के संबंध में कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी को कभी भी कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया। जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने स्मृति ईरानी द्वारा दायर दीवानी मानहानि के मुकदमे में कॉन्ग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और डिसूजा को समन जारी करते हुए यह टिप्पणी की। ईरानी ने मानहानि के रूप में दो करोड़ रुपए की माँग की है।
कोर्ट ने पिछले हफ्ते कॉन्ग्रेस नेताओं को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके द्वारा लगाए गए कथित आरोपों को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया था। जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने कॉन्ग्रेस के तीन नेताओं को ईरानी एवं उनकी बेटी के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में सोशल मीडिया पर किए गए ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और फोटो हटाने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि अगर ये नेता 24 घंटे के भीतर उनके आदेश का पालन करने में विफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब को सामग्री को हटाना होगा।
कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए, उनके आधार पर यह स्पष्ट है कि स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के नाम पर किसी बार का कोई लाइसेंस नहीं है और ना ही वो रेस्टोरेंट और बार की मालिक हैं। इसके अलावा उनकी बेटी ने कभी भी किसी लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं किया है।
अदालत ने आगे कहा कि गोवा सरकार ने कोई भी कारण बताओ नोटिस स्मृति ईरानी की बेटी जोइश ईरानी के नाम पर जारी नहीं किया है। इन सभी तथ्यों की भी पुष्टि की गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को उन प्लेटफॉर्म पर रहने दिया गया तो उससे स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को काफी नुकसान पहुँचेगा।
क्या है मामला?
कॉन्ग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया था कि जोइश ईरानी गोवा में अवैध बार चला रही है। कॉन्ग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया अध्यक्ष पवन खेड़ा और गुजरात की अखिल भारतीय महिला कॉन्ग्रेस अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा के साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि लाइसेंस सिर्फ रेस्टोरेंट रेस्तरां चलाने के लिए मिला था, लेकिन ईरानी की बेटी ने अपने राजनीतिक दबदबे का इस्तेमाल किया।
कॉन्ग्रेस द्वारा जोइश पर लगाए जाने वाले इल्जाम एक RTI पर आधारित थे। ये आरटीआई गोवा के ‘आयर्स रॉड्रिक्स’ नाम के कार्यकर्ता ने डाली थी। रॉड्रिक्स वही हैं जिन पर 2017 में एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। आयर्स ने ही अपनी आरटीआई के नाम पर गोवा के सिली सोल्स कैफे एंड बार पर झूठ फैलाना शुरू किया। उसने दावा किया कि रेस्टोरेंट को फर्जी ढंग से लाइसेंस मिला जो कि ईरानी परिवार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का सबूत है। उसने ये भी बताया कि एक्साइज विभाग रेस्टोरेंट को नोटिस भेज चुका है। उसके दावे के मुताबिक रेस्टोरेंट में फर्जी कागज देकर शराब का लाइसेंस लिया गया।
24 जुलाई को लिखे नोट में उसने कहा कि रेस्टोरेंट को शराब का लाइसेंस एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर मिला जो अब इस दुनिया में भी नहीं है। इसके बाद उसने कहा कि गोवा में स्मृति ईरानी और अन्य केंद्र के नेताओं द्वारा खरीदी गई ‘बेनामी’ संपत्ति की जाँच होनी चाहिए, ताकि सच सामने आए।