दिल्ली में जल संकट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से बोला जाता है कि उसके पास ‘एक्स्ट्रा’ पानी नहीं है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को डाँट भी लगाई थी और कहा था कि क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ये मामला ही दिल्ली सरकार की उस याचिका के आधार पर शुरू हुआ था, जिसमें दिल्ली सरकार से सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हिमाचल प्रदेश सरकार 135 क्यूसेक पानी दिल्ली को देना चाहता है, लेकिन हरियाणा वो पानी आने नहीं दे रहा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार पलट गई। अब एक बार फिर से हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से ट्विस्ट आया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल के पास जितना ‘एक्स्ट्रा’ पानी है, वो दिल्ली ही नहीं किसी भी अन्य राज्य को देने को तैयार हैं, लेकिन पहले दिल्ली सरकार हरियाणा के साथ सहमति बनाए।
दिल्ली में जल संकट का पूरा मामला घूम फिर कर वहीं आ गया है, जहाँ से शुरू हुआ था। हालाँकि सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान सुप्रीम कोर्ट में नहीं, बल्कि मीडिया से बातचीत में आया है। यही नहीं, सुक्खू ने ये भी नहीं बताया है कि हिमाचल प्रदेश के पास कितना पानी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “हिमाचल के पास जितना भी पानी है, हमारे राज्य की जरूरत के पानी को छोड़कर, हम दिल्ली या किसी अन्य राज्य को सारा पानी देने के लिए तैयार हैं… हिमाचल प्रदेश इस देश का हिस्सा है। अगर पानी हरियाणा से आना है, तो दिल्ली को हरियाणा सरकार के साथ समझौता करना होगा। इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।”
#WATCH | Delhi: On Delhi's water crisis, Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu says, "Whatever water Himachal has, except the water needed by our state, we are ready to give all the water to Delhi or any other state…Himachal Pradesh is a part of this country. If the water… pic.twitter.com/WUlG7D8poS
— ANI (@ANI) June 14, 2024
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान को देखें, तो ये जनता में भ्रम फैलाने का मामला साफ तौर पर लगता है। एक तरफ तो राजनीतिक रूप से आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में साथ चुनाव लड़ती हैं, जिनकी हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में सरकार है, तो दूसरी तरफ वो हरियाणा की बीजेपी सरकार को निशाना बनाने की कोशिश करती है, ताकि जनता में अविश्वास फैले।
इसे इसी बात से समझा जा सकता है, कि सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार कुछ और बोलती है, जबकि मीडिया में कुछ और कहती है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में भी आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार लगातार अपनी बातों से पलट रही है, तो हिमाचल सरकार को डाँट पड़ चुकी है। यहाँ तक कि टैंकर माफिया पर कार्रवाई के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा तो आम आदमी पार्टी ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि माफिया तो हरियाणा से ऑपरेट करते हैं। ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान को जनता किस तरह से देखती है, अब गेंद उसके पाले में है। बाकी ये साफ है कि दिल्ली को हिमाचल प्रदेश से पानी नहीं ही मिलने वाला है।