महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोबारा भाजपा विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना इस दौरान पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे। भाजपा के सभी 105 विधायकों ने एकमत से देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता चुना। फडणवीस ने 1 दिन पहले ही साफ़ कर दिया था कि चूँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक रूप से उनके नाम का ऐलान कर चुके हैं, विधायक दल की बैठक में उनका नेता चुना जाना बस औपचारिकता है। फडणवीस ने कहा है कि अगले 5 वर्ष के लिए राज्य का मुख्यमंत्री वही रहेंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विधायक दल की बैठक में किसी अन्य नेता के नाम पर चर्चा ही नहीं हुई और न किसी अन्य नेता का नाम प्रस्तावित किया गया। फडणवीस का नाम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने प्रस्तावित किया और पहली फडणवीस सरकार में वित्त मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे सुधीर मुनगंटीवार सहित 6 अन्य नेताओं ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर इसे आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने भाजपा विधायकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है। साथ ही सीएम फडणवीस ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को भी धन्यवाद दिया।
Devendra Fadnavis, BJP: This mandate is surely for ‘mahayuti’ (BJP-Shiv Sena alliance) as we sought votes for ‘mahayuti’. People also voted for it. So there should be not doubt. It will be a ‘mahayuti’ govt. (file pic) pic.twitter.com/AkehNSZzlb
— ANI (@ANI) October 30, 2019
उधर शिवसेना की बात करें तो पार्टी ने गुरुवार (अक्टूबर 31, 2019) अपनी पार्टी के नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति के लिए फ़ैसला लिया जाएगा। जहाँ एक तरफ फडणवीस ने साफ़ कर दिया है कि भाजपा-शिवसेना मिल कर सरकार बनाएगी, शिवसेना की तरफ़ से ऐसा कोई बयान नहीं आया है। शिवसेना ने आज यूरोपियन पार्लियामेंट के पैनल के जम्मू कश्मीर दौरे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। वहीं फडणवीस ने कहा कि ये जनादेश ‘महायुति’ के लिए है क्योंकि राजग नेता ‘महायुति’ के लिए ही वोट माँगने गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का गठन भी ‘महायुति’ ही करेगी, इसमें कोई संशय नहीं रहना चाहिए।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पहले कहा था कि जनता ने उनकी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और इसीलिए वो सरकार में शामिल होने का प्रयास नहीं करेंगे। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने अपने नेता ने इस स्टैंड को दोहराया। हालाँकि, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर परिस्थितियाँ बदलती हैं तो पार्टी उस हिसाब से फ़ैसला लेगी। बता दें कि भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार गठन के लिए पेंच फँसा हुआ है। शिवसेना 50-50 की बात करते हुए ढाई वर्ष के लिए अपना मुख्यमंत्री बनाना चाह रही है। पार्टी नेता आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की माँग के साथ पोस्टर लगा कर भाजपा पर दबाव बनाने में लगे हैं।
उधर महाराष्ट्र में नेताओं के बीच कार्टून का वॉर भी दिलचस्प होता जा रहा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने एक कार्टून ट्वीट किया था, जिसमें एक बाघ अपने पंजे में कमल का फूल लिए हुआ था। इसके जवाब में भाजपा ने भी एक कर्टून जारी किया था, जिसमें उद्धव क़द में अपने से काफ़ी विशाल फडणवीस को गीदड़-भभकी देते दिख रहे हैं कि उन्हें बड़ा भाई बोला जाए। अब एनसीपी नेता क्लाइड क्रस्टो ने एक कार्टून जारी किया है, जिसमें धनुष-तीर कमल की तरफ ही तना हुआ है और वार करने को तैयार है। बता दें कि धनुष-तीर शिवसेना का चुनाव चिह्न है।
एक म्हण आहे, डोक्यावर टांगती…
— Clyde Crasto (@Clyde_Crasto) October 29, 2019
My Artwork#ElectionResults2019 #MaharashtraAssemblyElections #MaharashtraElections2019 #MaharashtraAssemblyPolls pic.twitter.com/ikuyRqdTnl
वहीं कॉन्ग्रेस फिर से शिवसेना पर डोरे डालने में लग गई है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि अगर शिवसेना कॉन्ग्रेस के पास सरकार गठन का प्रस्ताव लेकर आती है तो उसे पार्टी आलाकमान के और सहयोगी पार्टियों से इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया जाएगा। महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के कद्दावर नेता चौहान ने पूछा कि जब भाजपा और शिवसेना के बीच विश्वास नाम की चीज है ही नहीं, तो वे साथ में सरकार कैसे बना सकते हैं? उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर क्या-क्या बातें हुई थीं, ये जनता को सार्वजनिक की जानी चाहिए।मुंबई शिवसेना के अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा कि अगर शिवसेना समर्थन माँगेगी तो पार्टी विचार करेगी।
हालाँकि, नवाब के बयान का महत्व नहीं है क्योंकि महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने साफ़ कर दिया है कि उनकी पार्टी कॉन्ग्रेस के साथ विपक्ष में बैठेगी। शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने कहा कि वो विपक्ष में बैठेंगे और नई सरकार की खामियों को उजागर करेंगे।
#NCP leader #PrafulPatel ruled out the possibility of giving support to either #BJP or #ShivSena in the state and asserted that a tussle between the two parties over the government formation is only a “show-off”. #MaharashtraAssemblyElectionshttps://t.co/yGX6hQ5Mgh
— Firstpost (@firstpost) October 30, 2019
उधर महाराष्ट्र में यूथ कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सत्यजीत ताम्बे ने वर्ली के नव-निर्वाचित विधायक और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे को सलाह दी है कि उनके पास मुख्यमंत्री बनने का मौक़ा आया है तो इसे यूँ ही नहीं जाने देना जाना चाहिए। उन्होंने ख़ुद का उदाहरण देते हुए बताया कि वो 24 वर्ष की उम्र में ही डिस्ट्रिक्ट काउंसिल का नेतृत्व करने वाले थे लेकिन ये मौक़ा चला गया। उन्होंने आदित्य को सलाह देते हुए कहा कि राजनीतिक ज़मीन एक बार घिसक जाए तो इसे फिर से हासिल करना बड़ा ही मुश्किल काम है।