Sunday, December 22, 2024
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तमिल ब्राह्मणों का नरसंहार हो, पेरियार ने जैसे कहा… वैसा कत्लेआम हो: DMK नेता राजीव गाँधी, विवाद बढ़ने पर दी सफाई

"हमें जहाँ भी मंदिर दिखे, उसमें घुस कर मूर्तियों को तोड़ देना चाहिए। जहाँ भी पापान (तमिल ब्राह्मणों के लिए गाली) मिल जाए, उन्हें खत्म कर देना चाहिए।" - यह पेरियार के बोल थे। इसी पेरियार ने भगवान गणेश और भगवान राम की मूर्तियों के अपमान का अभियान चलाया था।

तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी DMK के प्रवक्ता आर राजीव गाँधी ने एक विवादित बयान दिया है। उनके मुताबिक तमिल ब्राह्मणों को पेरियार के निर्देशों के अनुसार कत्ल कर दिया जाना चाहिए। ये बातें उन्होंने 3 जून 2022 (शुक्रवार) को राजनैतिक विश्लेषक सुमंत रमण के एक ट्वीट के रिप्लाई में कही हैं।

DMK प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में लिखा, “अगर हम शूद्रों ने पेरियार के आदेशों का पालन किया तो हमें तुम ब्राह्मणों से न्याय, समानता और अधिकारों की लड़ाई न लड़नी पड़ती। तुम 3% ब्राह्मण अभी भी तमाम क्षेत्रों में हावी हो।”

विवाद बढ़ने के बाद हालाँकि DMK प्रवक्ता आर राजीव गाँधी ने सफाई दी है। एक नया ट्वीट करके उन्होंने कहा, “फादर पेरियार वो नहीं हैं, जो तुम्हे कत्ल करते हैं बल्कि वो हैं जो राजनीतिक ढंग से ज्ञान के हथियार से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। वो मानवता के दुश्मनों के विरुद्ध और समान अधिकारों की लड़ाई के प्रतीक हैं। उनके मुताबिक हर कोई हाड़-मांस का इंसान है।”

चित्र साभार- राजीव गाँधी का ट्विटर

जिस ट्वीट के जवाब में DMK प्रवक्ता आर राजीव गाँधी ने ये बातें लिखी हैं, उसमें सुमंत रमण ने पेरियार के साल 1973 में तमिलनाडु के करिकुडी में कही गई बातों के कुछ अंश थे। उस भाषण में हिन्दू विरोधी विचारधारा वाले पेरियार ने तमिल ब्राह्मणों के विनाश का आह्वान किया था। तब उन्होंने बताया था कि एक ब्राह्मण भगवान मुरुगन ने राक्षस राजा सूरा पदमन को इसलिए मार डाला था क्योंकि वो किसी भगवान को नहीं मानता था।

इसी बयान में पेरियार ने आगे कहा था, “तमिल ब्राह्मणों ने उसे (सूरा पदमन) मारा था तो अब हम उन्हें मार सकते हैं। शायद ये कानूनी तौर पर गलत हो पर हमें इसके नाम पर परेशान नहीं किया जा सकता है। हमें फैसला करना ही होगा। हमें जहाँ भी मंदिर दिखे, उसमें घुस कर मूर्तियों को तोड़ देना चाहिए। जहाँ भी पापान (तमिल ब्राह्मणों के लिए गाली) मिल जाए, उन्हें खत्म कर देना चाहिए। ऐसा उन्होंने हमारे साथ किया है और हमें भी इसका बदला लेना चाहिए।”

पेरियार ने ब्राह्मणों को मारने के दौरान बीच में आने वाले गैर ब्राह्मण को भी मारने में संकोच न करने की बात कही थी। सुमंत रमण ने हैरानी जताते हुए लिखा कि कैसे भारत के कई हिस्सों में पेरियार द्वारा अपने जीवन में फैलाई गई नफरत के बारे में पता ही नहीं है। अपने ट्वीट में सुमंत रमण ने जयललिता, इंदिरा गाँधी को नरसंहार से बचाने का धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने बाकी भारत से भी पेरियर के उस भाषण को सुनने की अपील की।

हिन्दुओं से नफरत के लिए प्रसिद्ध थे पेरियर

वर्ष 1953 में, पेरियार ने भगवान गणेश की मूर्तियों के अपमान का अभियान चलाया था। जिस दिन एक साथ हजारों मूर्तियों को तोड़ा गया, वो गौतम बुद्ध का जन्मदिन था। इसके चलते पेरियार पर FIR भी दर्ज हुई थी लेकिन अदालत ने केस ख़ारिज कर दिया था।

अगस्त 1956 में पेरियार ने भगवान राम की तस्वीरें जलाने का अभियान चलाया था। ये कृत्य वो मरीना में करने वाले थे, जहाँ तैनात पुलिस बल ने उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज किया था। पेरियार को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब पेरियार के लगभग 890 समर्थकों को भी पकड़ा गया था। पेरियार को ढाई घंटे बाद छोड़ दिया गया था क्योकि उन्होंने रिहा होने के बाद विरोध न करने का वचन दिया था।

पेरियार आर्यों को अयोग्य और द्रविड़ों को असली धार्मिक मानते थे। यद्दपि उनके पास अपने तथ्यों या तर्कों का कोई ठोस आधार नहीं था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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