Monday, December 23, 2024
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‘उलेमाओं की बात मानें और गड़बड़ कोरोना वैक्सीन न लगवाएँ, नॉर्वे में 30 लोग मर गए’: सपा सांसद शफीकुर्रहमान

"उलेमाओं ने पहले भी बयान जारी कर के कहा था कि वैक्सीन में कुछ गडबड़़ है। नॉर्वे में वैक्सीन के इस्तेमाल से 30 लोगों की मौत का मामला सामने आ चुका है, इसे न लगवाएँ।"

अब कोरोना वैक्सीन को लेकर समाजवादी पार्टी के अन्य नेता भी अध्यक्ष अखिलेश यादव की भाषा बोलने लग गए हैं। सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कोरोना के टीके पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने लोगों और अपने समर्थकों से अपील की है कि वो कोरोना वैक्सीन न लगवाएँ। जहाँ टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन भारत में 2 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई और साइड इफेक्ट्स के कोई मामले सामने नहीं आए, वहीं अब कुछ नेता इसे लेकर अफवाह फैलाने में लग गए हैं।

उत्तर प्रदेश के संभल से कभी बसपा और अब सपा से सांसद चुने गए शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि वैक्सीन में उन्हें कुछ न कुछ गड़बड़ लग रहा है, इसीलिए लोग कोरोना का टीका न लगवाएँ। ‘न्यूज़ 18’ की खबर के अनुसार, उन्होंने अपने बयान में कहा, “वैक्सीन पहली बार आ रही है। अभी न देखा और न समझा है। उलेमाओं ने पहले भी बयान जारी कर के कहा था कि वैक्सीन में कुछ गडबड़़ है। नॉर्वे में वैक्सीन के इस्तेमाल से 30 लोगों की मौत का मामला सामने आ चुका है। इसे न लगवाएँ।”

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को तब तक इंतजार करना चाहिए, तब तक वैक्सीन मुफीद न हो जाए। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि टेस्टिंग के बाद ही वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाए। बता दें कि वैक्सीन के पूरे ट्रायल और टेस्टिंग के बाद ही इसे अनुमति दी गई है, फिर भी लोगों को गुमराह किया जा रहा है। कई दिनों तक चले ट्रायल और अध्ययन के बाद ही इसे इमरजेंसी यूज के लिए अनुमति हेतु भेजा गया।

वहीं उन्होंने नॉर्वे में जिन लोगों की मौत का जिक्र किया है, उन वैक्सीन्स का भारत का से कोई लेनादेना नहीं है। ये वही वैक्सीन्स थे, जिन्हें खरीदने की वकालत भारत में मोदी विरोधी गैंग कर रहा था, ताकि देश में बने 2 स्वदेशी वैक्सीन्स को बदनाम किया जा सके। अखिलेश यादव ने भी कुछ दिनों पहले कहा था कि वो वैक्सीन नहीं लगवाएँगे और सपा की सरकार आने के बाद लोगों को मुफ्त में वैक्सीन दी जाएगी।

नॉर्वे में Pfizer और BioNTech द्वारा बनाई गई वैक्सीन को ही मंजूरी मिली है और अब तक हुई मौतें भी इन्हीं दोनों से सम्बंधित हैं। दोनों ही कंपनियाँ अभी तक इन मौतों की जाँच की बात ही कह रही है। इन संस्थाओं का कहना है कि ये आँकड़े चौंकाने वाले नहीं हैं और उनकी आशंका के मुताबिक ही हैं। भारत में इन दोनों का प्रयोग ही नहीं हो रहा है। यहाँ सीरम और भारत बायोटेक के वैक्सीन प्रयोग में लाए जा रहे हैं।

सपा सांसद शफीकुर्रहमान इससे पहले कोरोना लॉकडाउन के दौरान ही नमाज पढ़ने की इजाजत माँग कर विवादों में आए थे। सामूहिक नमाज को लेकर उन्होंने लंबी बहस की थी। उन्होंने भाजपा विधायक संगीत सोम पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि उनके पूर्वजों ने पाकिस्तान जाने से इनकार कर भारत में रहना उचित समझा, इसीलिए वो क्यों पाकिस्तान जाएँगे? उन्होंने खुद को हिंदुस्तानी भी बताया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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