गुजरात में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रशासनिक स्तर पर बड़ा उलटफेर हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेट्री डॉ. जयंती रवि को किनारे लगा दिया गया है। उनकी जगह एसीएस (रेवेन्यू) पंकज कुमार को कोविड-19 से बचाव हेतु सभी निर्णय लेने का जिम्मा सौंपा गया है।
यह फैसला मंगलवार को लिया गया है। महामारी के बीच हालात की निगरानी और रोकथाम में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के बाद IAS अधिकारी डॉ. जयंती रवि पर कार्रवाई की गई है।
इससे पहले अहमदाबाद नगर निगम आयुक्त विजय नेहरा पर कोरोना संबंधी सभी सूचना सोशल मीडिया पर देने की जिम्मेदारी थी और डॉ. जयंती पर मीडिया को संबोधित करने की जिम्मेदारी थी।
डॉ. जयंती रवि कौन हैं?
डॉ. जयंती रवि एक वैज्ञानिक हैं। उन्होंने एस रवि मद्रास विश्वविद्यालय से परमाणु भौतिकी में मास्टर डिग्री हासिल की है। इसके अलावा वे 1991 के गुजरात कैडर की IAS अधिकारी भी हैं। 2002 में जब कारसेवकों की ट्रेन को मुस्लिम भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था तब वह गोधरा की जिलाधिकारी थीं।
इसके बाद पूरे गुजरात में साम्प्रदायिक दंगे हुए। जुलाई 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोधरा से उनका तबादला कर दिया। लेकिन बाद में मीडिया में उनकी वाहवाही होने लगी कि उन्होंने साम्प्रदायिक तनातनी को बहुत बढ़िया से सँभाला।
नतीजतन, साल 2004 में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उन्हें अपने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में नियुक्त किया जिसकी अध्यक्षता वे खुद कर रही थीं। साल 2007 तक वह यहाँ रहीं।
कोरोना वायरस विवाद
अप्रैल 2020 में गुजरात राज्य स्वास्थ्य आयुक्त जय प्रकाश शिवहरे ने मरीजों की निजी जानकारी के संबंध में डॉ. टेको (DrTecho) एप्लीकेशन के इस्तेमाल पर अपनी चिंता जाहिर की थी। उनका मत था कि इसके अपग्रेडेड वर्जन का इस्तेमाल करने में रोगी की सहमति, डेटा के स्वामित्व, डेटा स्टोरेज और इसके इस्तेमाल में कुछ कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है।
उन्होंने कहा था कि इन परिस्थितियों में टेको सॉफ्टवेयर ऐप का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए ऐप डेवलपर के साथ समझौता ज्ञापन होना चाहिए। बावजूद इसके अहमदाबाद मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. जयंती रवि प्राइवेट डॉक्टरों और कोविड-19 रोगियों के पंजीकरण के लिए अपनी मीडिया ब्रीफिंग आदि में इस ऐप का प्रचार करती रहीं।
दिलचस्प बात ये है कि एक ओर जहाँ डॉ जयंती रवि स्वास्थ्य प्रमुख सचिव थीं और इस ऐप का प्रमोशन कर रही थीं। वहीं इस ऐप के लिए सॉफ्टवेयर Argusoft india ltd ने बनाया था। इसके अध्यक्ष डॉ. जयंती रवि के पति रवि गोपालन हैं।
जानकारी के अनुसार डॉ. जयंती के सचिव रहते हुए इस ऐप का इस्तेमाल स्वास्थ्य विभाग दो साल से कर रहा है। इसे न केवल आशा वर्कर्स के फोन में इंस्टाल करवाया गया था, बल्कि इसी में उन्हें गाँव में जाकर लोगों का डेटा कलेक्ट करने को भी बोला गया था।
गौरतलब है कि इस समय राज्य में कोरोना को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। 7 मई 2020 तक राज्य में कुल 6625 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 4500 केस तो केवल अहमदाबाद से है। हालाँकि अब तक राज्य में 1500 लोग ऐसे भी हैं जो ठीक हो गए हैं। लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि 400 के करीब लोगों की मौतें भी हुई हैं।
ऐसे में जयंती रवि के बदले कोविड-19 में जिम्मा सँभालने वाले पंकज कुमार के बारे में सूचना है कि वे पहले भी अग्र सचिव भी रह चुके हैं। रेवेन्यू विभाग के एसीएस होने के कारण वर्तमान परिस्थिति में कोरोना के नियंत्रण के लिए राज्य भर के कलेक्टर और प्रशासनिक सेवाओं से संपर्क में होने के कारण सरलता से इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई करने की व्यवस्था कर सकते हैं।
वे हाल में अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के लिए मेडिकल फैसिलिटी, ह्यूमेन रिसोर्सेज़ तथा स्वास्थ्य जानकारियों पर काम कर रहे हैं और आगे वे स्वास्थ्य विभाग में कोरोना की तमाम जानकारियाँ रखेंगे व परिस्थिति को देखते हुए उपयुक्त निर्देश देंगे।
इसके अलावा पूर्व नगर आयुक्त, मुकेश कुमार, जो वर्तमान में गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के प्रमुख हैं, को अहमदाबाद के आयुक्त के रूप में प्रभारी-आयुक्त बनाया गया है। कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने के कारण अहमदाबाद के आयुक्त इस समय 14 दिन आइसोलेशन पीरियड में हैं।