Sunday, September 29, 2024
Homeराजनीतिसंकट में हेमंत सोरेन की कुर्सी: चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सौंपी रिपोर्ट, पत्नी...

संकट में हेमंत सोरेन की कुर्सी: चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सौंपी रिपोर्ट, पत्नी कल्पना को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें तेज

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर विभागीय मंत्री होते हुए अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप है। मामला राज्यपाल कार्यालय से होते हुए चुनाव आयोग तक पहुँचा और आयोग ने इस पर कई दिनों तक सुनवाई की। 

खनन लीज मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग ने इस मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की रिपोर्ट दी है।

कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन अब मुख्यमंंत्री की कुर्सी अपनी पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpna Soren) को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। सोरेन ने अपने सभी विधायकों को शाम तक राँची पहुँचने का निर्देश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि हालात को देखते हुए हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही महागठबंधन दलों की राँची में बैठक हुई थी, जिसमें कहा गया था कि हर परिस्थिति में सोरेन को समर्थन जारी रहेगा।

बता दें कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस गुरुवार (25 अगस्त 2022) को दिल्ली से राँची के लिए रवाना हो चुके हैं। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि राज्यपाल 2 बजे राँची पहुँचेंगे और वहाँ 3 बजे इसे राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा।

झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 18 अगस्त 2022 को ही कह दिया था कि हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाने वाली है। वे अगस्त का महीना पार कर लें, वही बड़ी बात है। दुबे ने अगले दिन कहा था, “झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी, परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए।” उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpna Soren) की ओर इशारा किया।

दरअसल, खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी है। सोरेन पर विभागीय मंत्री होते हुए अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप है। मामला राज्यपाल कार्यालय से होते हुए चुनाव आयोग तक पहुँचा और आयोग ने इस पर कई दिनों तक सुनवाई की। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जातिगत आरक्षण: जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाना उद्देश्य या फिर राजनीतिक हथियार? विभाजनकारी एजेंडे का शिकार बनने से बचना जरूरी

हमें सोचना होगा कि जातिगत आरक्षण के जरिए क्या हम वास्तव में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं या फिर हम एक नई जातिगत विभाजन की नींव रख रहे हैं?

इजरायल की ताबड़तोड़ कार्रवाई से डरा ईरान! सेफ हाउस भेजे गए सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई: हिज्बुल्लाह चीफ से पहले हमास प्रमुख का भी...

ईरान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाने की माँग की है ताकि मुस्लिम देशों को एकजुट किया जा सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -