Tuesday, November 5, 2024
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‘दक्षिण अफ्रीका वाले EVM का कर्नाटक में इस्तेमाल’: चुनाव आयोग ने काॅन्ग्रेस का दावा किया खारिज, कहा- नियम पता होने चाहिए, अफवाह फैलाने वाले सूत्र पता करें

चुनाव आयोग ने कहा कि विभिन्न सूत्रों का नाम लेकर फैलाई गई खबर का कोई औचित्य नहीं है, जो कॉन्ग्रेस को जानकारी दी गई। ऐसे में पार्टी को पता करना चाहिए ये झूठ किसने कैसे फैलाया ताकि पार्टी की साख पर आँच न आए।

कर्नाटक चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस को ईवीएम के ऊपर संदेह जताना महंगा पड़ गया। निर्वाचन आयोग ने कॉन्ग्रेस को पत्र लिखकर बताया कि पार्टी के आरोप गलत हैं कि ईवीएम को चुनाव से पहले दक्षिण अफ्रीका भेजा गया। आयोग ने कहा कि न तो ईवीएम साउथ अफ्रीका भेजी गई है और न ही वहाँ पर ईवीएम का इस्तेमाल होता है। दक्षिण अफ्रीका के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनावों की बुकलेट के जरिए इसका आसानी से पता किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में चुनाव से दो दिन पहले 8 मई को कॉन्ग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की थी कि साउथ अफ्रीका में पूर्व में इस्तेमाल की गई ईवीएम का इस्तेमाल कर्नाटक चुनाव में होने वाला है। पार्टी ने यह आरोप लगाते हुए ईसी से स्पष्टीकरण माँगा था। अब चुनाव आयोग के पोल पैनल ने इस पत्र पर सख्ती से जवाब देते हुए कॉन्ग्रेस को प्रक्रिया समझाई है।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि कर्नाटक चुनाव में इस्तेमाल होने वाली सारी ईवीएम नई हैं। ये बात इंडियन नेशनल कॉन्ग्रेस भी जानती है। आयोग ने कहा कि जब भी ईवीएम आती है तो उस पूरे प्रक्रिया का वीडियोग्राफी होती है और हर पॉलिटिकल पार्टी के लोगों को वहाँ चश्मदीद बनने के लिए बुलाया जाता है। कॉन्ग्रेस बहुत अच्छे से जानती है कि ईवीएम कहाँ से आई हैं।

कॉन्ग्रेस को फटकार लगाते हुए ईसीआई ने कहा कि कॉन्ग्रेस इतने समय से राष्ट्रीय पार्टी है और विभिन्न चुनावों में भाग लिया है, उनसे तो कम से कम उम्मीदा की जाती है कि उन्हें ईसीआई के प्रोटोकॉल्स के बारे में पता होगा। आयोग ने बताया कि न केवल प्रतिनिधियों को बुलाकर दिखाया जाता है कि ईवीएम आई कहाँ से, बल्कि उन्हें ईवीएम की यूनिक आई़डी की लिस्ट भी दी जाती है। इतना ही नहीं उसे असेंबल करने से पहले उसे रैंडम चेक किया जाता है। उसे चालू किए जाने के बाद फिर उसे पार्टी के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में चेक किया जाता है।

अपने पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा कि उन्होंने जितने एसओपी बताए उन सबको कर्नाटक चुनाव के समय फॉलो किया गया और जहाँ तक उनके पास रिकॉर्ड है इस पूरे प्रोसेस में कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधि मौजूद थे। ईसीआई ने इतनी पारदर्शिता के बाद भी कॉन्ग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों पर उन्हें फटकारा और कहा कि सूत्रों के हवाले से ये कहना कि ईवीएम साउथ अफ्रीका में इस्तेमाल हुई, बहुत हैरान करने वाला है।

चुनाव आयोग ने कहा कि विभिन्न सूत्रों का नाम लेकर फैलाई गई खबर का कोई औचित्य नहीं है, जो कॉन्ग्रेस को जानकारी के तौर पर दी गई। ऐसे में पार्टी को पता करना चाहिए ये झूठ किसने कैसे फैलाया ताकि पार्टी की साख पर आँच न आए। आयोग ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं झूठी खबर फैलाने वाले सूत्र के एक्शन लेकर इस बारे में कमीशन को 15 मई 2023 को 5 बजे से पहले बताया जाएगा।

कर्नाटक प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को ईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने लेटर भेज बताया कि आयोग के निर्देशों के मुताबिक जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर एफएलसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रीय और राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को एफएलसी ओके ईवीएम और वीवीपीएटी की सूची की फोटोकॉपी दी जाती है। लेटर के अनुसार हैदराबाद से ईसीआईएल द्वारा नव निर्मित ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग ही इस चुनाव में किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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