प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी टीम पर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हुए हमले को हत्या की साजिश करार दिया है। इसे लेकर केंद्रीय एजेंसी ने बकायदा शनिवार (6 जनवरी, 2024) को प्रेस नोट जारी किया है।
इसमें ईडी ने आरोप लगाया है कि ये हमला तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता के उकसावे पर हुआ। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में कानून के लिए कोई सम्मान नहीं है और जो अपने कुकर्मों के लिए जेल जाने से डरते हैं, वे जाँच एजेंसियों पर ऐसे हमले करते हैं।
बताते चलें कि शुक्रवार (5 जनवरी, 2024) सुबह राशन घोटाला केस में टीएमसी नेता शाहजहाँ शेख के घर रेड मारने गई ED की टीम और CRPF के जवानों पर 250-300 लोगों की भीड़ ने जानलेवा हमला किया था। इस दौरान पत्रकारों पर भी हमला हुआ और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। इस हमले को लेकर ईडी ने डीजीपी और एसपी को हमले के फुटेज के साथ ईमेल से शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने संदेशखाली हमला केस में 3 FIR दर्ज की हैं। वहीं अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।
सीएम ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल में ईडी अधिकारियों पर 16 घंटे के अंदर दो बार हमला किया गया। शाहजहाँ शेख के घर के बाहर रेड मारने के दौरान हुए हमले के बाद भी ईडी टीम पर हमला किया गया था। ईडी पर ये हमला भी राशन घोटाले की जाँच के दौरान किया गया। शुक्रवार (5 जनवरी, 2024) देर रात इस घोटाले को लेकर ईडी TMC नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार कर ले जा रही थी। इस दौरान उनके समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर हमला बोला दिया।
यहाँ महिलाओं की आड़ लेकर आद्या के समर्थकों ने केंद्रीय एजेंसी की गाड़ियों पर पथराव और तोड़फोड़ की। आद्या बोंगाँव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। राशन वितरण केस में ईडी की यह तीसरी गिरफ्तारी है।
इससे ईडी ने इस केस में कोलकाता कारोबारी बकीबुर रहमान की पहली गिरफ्तारी की थी। दूसरी गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के मौजूदा वन मंत्री और पूर्व राज्य खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की थी। रहमान की तरह आद्या भी लंबे वक्त से मल्लिक के करीबी माने जाते हैं।
कुछ दिन पहले ही ईडी ने पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले का खुलासा किया था। इसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लगभग 30% राशन खुले बाज़ार में बेचा गया था। राशन की इस कथित चोरी से हुए फायदे को मालिकों और PDS वितरकों ने मिलकर आपस में बाँट लिया था।
ईडी के इस हमले को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “लोकतांत्रिक तंत्र में, सरकारी एजेंसियाँ अपने आदेश के मुताबिक काम करती हैं। उन्हें बगैर किसी बाधा के काम करने की मंज़ूरी दी जानी चाहिए। बदकिस्मती से, कुछ क्षेत्रों में जहाँ लोग भ्रष्टाचार में गहराई से डूबे हुए हैं और उनके मन में कानून के लिए कोई इज्जत नहीं है। ये जेल जाने से डरते हैं। वे जाँच एजेंसियों के खिलाफ बोलते हैं। उन पर हमले करते हैं। मैं उनकी कड़ी निंदा करता हूँ।”