साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल सीट से भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इस ऐलान के बाद से ही साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने की कवायद शुरू हो गई है। बता दें कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ तहसीन पूनावाला ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर रोक लगाने की सिफारिश की थी।
Tehseen Poonawalla files complaint with Election Commission against candidature of Pragya Singh Thakur from Bhopal Parliamentary constituency by BJP for #LokSabhaElections2019 ; “requests EC to debar her from contesting elections as she is a terror accused”. pic.twitter.com/hCyfeSgFnX
— ANI (@ANI) April 18, 2019
चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर रोक लगाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि अभी तक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कोई भी दोष साबित नहीं हुआ है और जब तक आरोप साबित नहीं हो जाता, चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई जा सकती। चुनाव आयोग ने कहा कि दोष साबित हो जाने पर चुनाव न लड़ने का प्रवाधान है। आरोपी होने पर चुनाव लड़ने से किसी की उम्मीदवारी पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
तहसीन पूनावाला ने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर रोक लगाने को लेकर चुनाव आयोग से कहा था कि किसी भी ऐसे प्रत्याशी को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए, जिसके तार आतंक से जुड़े हों। पूनावाला ने कहा कि महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी स्क्वाड ने साध्वी को 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में ‘मुख्य साजिशकर्ता’ के रूप में आरोपित किया था। इस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 101 लोग घायल हुए थे।
I have filed a complaint with the #ElectionCommission to not allow #SadhviPragyaSinghThakur ji from contesting the #LokSabhaElections2019 as she is a terror accused. Hardik Patel a riot accused was also prevented by the EC.
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) April 18, 2019
I state: I am not a member of any political party 1n pic.twitter.com/JfaaOH82E2
तहसीन पूनावाला ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया था। इसमें पूनावाला ने कहा था कि उन्होंने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने से रोका जाए, क्योंकि उन पर आतंकवाद से जुड़े होने के आरोप हैं। हार्दिक पटेल को भी दंगे फैलाने के आरोप में चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने से रोका है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं हैं।