वोटर टर्नआउट पर कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रोपेगंडा का चुनाव आयोग ने करारा जवाब दिया है। खड़गे ने I..N.D.I. गठबंधन के नेताओं को एक पत्र लिखा था। लोकसभा चुनाव 2024 के तीनों चरणों में वोटर टर्नआउट के आँकड़ों को जारी किए जाने में देरी के आरोपों को ECI ने नकार दिया है। चुनाव आयोग ने 11 पन्नों के अपने पत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लिए बिना ही जवाब दिया है। बता दें कि विपक्षी दल हर संवैधानिक संस्था को बदनाम करते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष द्वारा चुनावी चरणों और प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर हमला करने वाले बयान मतदाताओं की हिस्सेदारी पर नकारात्मक असर डाल सकती है। साथ ही इसे विशाल संख्या में चुनाव कर्मचारियों और मशीनरी को भी हतोत्साहित करने वाला बताया गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि इससे मताधिकार के योग्य लोगों को अपने मत का इस्तेमाल करने से वंचित करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि आगे इस तरह के बयान दिए जाने से बचना चाहिए, सावधानी बरती जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने समझाया कि तैनाती, EVM के इस्तेमाल आउट वोटर टर्नआउट के आँकड़े की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से की जाती है जिसमें नीचे से ऊपर पहुँचा जाता है। अर्थात, प्रत्येक मतदान केंद्र से आँकड़े जुटाए जाते हैं। चुनाव आयोग ने बताया है कि 1961 के नियमों के अनुसार, हर एक पोलिंग एजेंट को प्रत्येक EVM के मतदान के आँकड़े साझा किए जाते हैं।
चुनाव आयोग ने EVM में गड़बड़ी होने के मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों को भी आश्चर्यजनक करार दिया। ECI ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बयान बताते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय दल द्वारा ऐसा करना चिंताजनक है। इलेक्शन कमीशन ने इस दौरान याद दिलाया कि ये सारे आँकड़े पार्टी के उम्मीदवारों और पोलिंग एजेंट्स के पास पहले से मौजूद हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि सामान्यतः वो चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया से बचता है, लेकिन ताज़ा बयान भ्रम पैदा करने वाला है।
BREAKING : 🔥
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 10, 2024
Election Commission Responds to Congress President's Allegations –
The Election Commission has responded to Congress President Mallikarjun Kharge's accusations regarding delayed voter turnout numbers for the first two phases of Lok Sabha elections. The EC rejects… pic.twitter.com/nZK5NRbRxQ
चुनाव आयोग ने इस दौरान 2019 लोकसभा चुनावों की भी याद दिलाई, जब वोटर टर्नआउट के आँकड़े बाद में अपडेट किए गए थे। दूसरे चरण में तब 18 अप्रैल को 66% पोलिंग का आँकड़ा दिया गया था, लेकिन 5 दिन बाद समीक्षा के बाद बताया गया कि ये 69.43% है। इसी तरह 2021 में केरल के आँकड़े प्रथम दृष्टया 69.95% थे, समीक्षा के बाद जिसे 76% किया गया। आयोग ने कहा कि वोटर टर्नआउट एप में भी सब कुछ सार्वजनिक है।