फेसबुक को लेकर जारी विवाद हर दिन गहराता ही जा रहा है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने विजय मूर्ति द्वारा किए गए ट्वीट का एक कोलाज शेयर किया है। फेसबुक के अधिकारी बताए जा रहे मूर्ति इन ट्वीटों में कॉन्ग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर करते दिख रहे हैं। मूर्ति ने ये ट्वीट 2013-2017 के बीच किए थे।
कॉन्ग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा प्रदर्शित करते हुए विजय मूर्ति ने दिसंबर 2013 में ट्वीट किया था, “कॉन्ग्रेस के लिए – उठो, जागो और तब तक नहीं रुकें, जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता!” अक्टूबर 2013 के एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “आज की रैली नाम: दिल्ली में राहुल और पटना में मोदी। पूर्वानुमान- पहले वाला जो करता है, उसके बारे में बात करेगा और दूसरा वाला पहले के बारे में बात करेगा।”
इसके अलावा, मूर्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी आरोप लगाए थे। ऐसे ही एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “किसी ने मुझसे पूछा कि क्या होता है जब दो फासीवादी मिलते हैं। मैंने कन्धा उचकाया और कहा कि आज भारत की राजधानी में यही हो रहा है।”
लिंक्ड इन प्रोफाइल के अनुसार, मूर्ति 2019 से फेसबुक इंडिया के सार्वजनिक नीति प्रबंधक हैं। यहाँ पर यह स्पष्ट हो जाता है कि फेसबुक के पब्लिक पॉलिसी मैनेजर भाजपा के आलोचक हैं और कॉन्ग्रेस के प्रशंसक। हालाँकि अब उनका अकाउंट ट्विटर पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म पर उनके यूजरनेम वाले ट्वीट अभी भी मौजूद हैं।
अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, “विजय मूर्ति से मिलिए। यह संभवत: सरकार से फेसबुक के संवाद को नियंत्रित करते हैं। लगभग एक दशक तक राहुल गाँधी की टीम के साथ काम किया (अपने पूर्व बॉस के लिए प्यार अभी भी मजबूत है)… कॉन्ग्रेस-फेसबुक की साँठगाँठ के बारे में बात करें? तो, ऐसा लगता है कि कॉन्ग्रेस फेसबुक चला रही है!”
Meet Vijaya Moorthy. Supposedly, heads government outreach at Facebook. Worked with Rahul Gandhi’s team for nearly a decade (love for his former boss still going strong)…
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 30, 2020
Talk about Congress-Facebook nexus?
Well, it seems Congress is running Facebook! pic.twitter.com/nHLMvWXK30
अंखी दास फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर हैं। उन पर लेफ्ट-लिबरल जमात ने ‘बीजेपी एजेंट’ होने का आरोप लगाया है, जबकि उनके पुराने फेसबुक पोस्ट एक अलग ही कहानी बताते हैं। दिसंबर 2013 में, अंखी दास ने ममता बनर्जी के राजनीतिक अभियान ‘परिवर्तन’ और अरविंद केजरीवाल के ‘आम आदमी’ कैंपेन की खुले तौर पर प्रशंसा की थी। उनके कई AAP समर्थित पोस्ट लोकप्रिय ट्विटर यूजर अंकुर सिंह द्वारा शेयर किए गए थे।
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “परिवर्तन- ममता बनर्जी लेखकों के पास गईं और अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो यात्रा की। अब हम कई नेताओं को आम आदमी होने की कोशिश करते देखेंगे। वे धरती पर चलना सीखेंगे। बेशक, कुछ लोग इसे प्रतीकात्मक मान सकते हैं जिसका वास्तविक तौर पर कोई अर्थ नहीं है। लेकिन कुछ भी, जो लोगों को केंद्र में रखता है, उसे सराहने की जरूरत है। मैं निश्चित रूप से करूँगी।”
2014 में लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में, उन्होंने कोलकाता टाउन हॉल में तृणमूल कॉन्ग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के साथ एक ‘फेसबुक वार्ता’ का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का ‘पत्रकार’ मधु त्रेहान ने भी स्वागत किया था, जो लेफ्ट प्रोपेगेंडा वेबसाइट, न्यूज लॉन्ड्री चलाती हैं।
जब आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले ‘झाड़ू डांस’ का वीडियो शेयर किया था, तो अंखी दास ने इसे ‘कूल कैंपेन’ करार दिया था।
इसके अलावा, उन्होंने ‘Daily-O’ पर “The battle for Delhi on Facebook” टाइटल से एक ओपिनियन लिखा। इसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी के फेसबुक अभियान की प्रशंसा की थी। अंखी ने लिखा था, “दिसंबर 2013 के दिल्ली चुनावों में, आम आदमी पार्टी के पास बहुत मजबूत ग्राउंड था। फेसबुक पर उनके अभियान से जमीनी ताकत जुडी थी।” इसके साथ ही उन्होंने अपने पेज पर 1,000 से अधिक पोस्ट करने के लिए AAP को श्रेय दिया था।
उसने भाजपा के 194 पदों और कॉन्ग्रेस के 123 पदों की तुलना करते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी ने फेसबुक को एक सोशल लिसनिंग टूल (social listening tool) के रूप में इस्तेमाल किया और अपने अभियान संदेशों और आउटरीच को तेजी से समायोजित किया। AAP अभियान एक नए स्टार्ट-अप की तरह था, जो सीमित संसाधनों के साथ अधिक प्रभाव पैदा कर रहा था।” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने अपने मतदाताओं को फॉर ग्रांटेड ले लिया।
इससे पहले, कॉन्ग्रेस से जुड़े लोगों ने अंखी दास की व्यक्तिगत जानकारी और तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी, ताकि उनकी पार्टी के फॉलोवर्स उन्हें खुले तौर पर गली दे सकें। बाद में अंखी को कॉन्ग्रेस के साकेत गोखले और अरशद खान सहित कई सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज करानी पड़ी।
गौरतलब है कि 14 अगस्त को वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि फेसबुक के एक (बेनाम) शीर्ष अधिकारी ने ऐसा कहा कि एंटी मुस्लिम (मुस्लिम विरोधी) पोस्ट को ‘हेट स्पीच’ के दायरे में नहीं रखा जाएगा।लिबरल्स इस बात से निराश थे कि फेसबुक की शीर्ष अधिकारी अंखी दास कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करती हैं। इसलिए लिबरल्स का मानना था कि फेसबुक मुस्लिम विरोधी पोस्ट को हेट स्पीच के दायरे में नहीं रखता है।