कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री शिवानंद पाटिल ने एक विवादित बयान दिया है। पाटिल का कहना है किसान हर साल सूखा पड़ते देखना चाहते हैं ताकि उनका कर्ज माफ़ हो जाए। वह इससे पहले भी किसानों की आत्महत्या पर विवादित बयान दे चुके हैं।
शिवानंद पाटिल ने कर्नाटक के बेलगावी में एक कार्यक्रम में कहा, “कृष्णा नदी का पानी मुफ्त है, अब बिजली भी मुफ्त और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मुफ्त बीज और कीटनाशक भी दे दिए। किसान चाहेंगे कि बार-बार सूखा पड़े ताकि उनका लोन माफ़ हो जाए। आप लोगों को यह इच्छा नहीं रखनी चाहिए। आप लोग नहीं भी चाहोगे तो हर 3-4 साल में सूखा पड़ेगा।”
शिवानंद पाटिल कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में मंडी विकास, गन्ना और कपड़ा मंत्री हैं। शिवानंद पाटिल के इस विवादित बयान का विरोध चालू हो गया है। कर्नाटक में विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से शिवानंद पाटिल का इस्तीफ़ा लेना चाहिए।
ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ @siddaramaiah ಅವರ ಸಚಿವ ಸಂಪುಟದಲ್ಲಿ ಅಜ್ಞಾನಿಗಳು ಅವಿವೇಕಿಗಳೇ ತುಂಬಿದ್ದಾರೆ.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) December 25, 2023
ರೈತರು ಪರಿಹಾರದ ಹಣಕ್ಕಾಗಿ ಆತ್ಮಹತ್ಯೆ ಮಾಡಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆಂದು ನಾಲಿಗೆ ಹರಿಬಿಟ್ಟಿದ್ದ ಸಕ್ಕರೆ ಸಚಿವ ಶಿವಾನಂದ ಪಾಟೀಲ್ ಇದೀಗ ರೈತರು ಬರಗಾಲ ಬರಲಿ ಎಂದು ಕಾಯುತ್ತಿರುತ್ತಾರೆ ಎಂದಿದ್ದಾರೆ.
ಬರ ಬರಲಿ ಎಂದು ರೈತರು ಕಾಯ್ದು ಕೂತಿರಲಿಲ್ಲ,… pic.twitter.com/LGQkVJWROu
भाजपा ने कहा है कि कॉन्ग्रेस कर्नाटक के किसानों का मजाक उड़ा रही है। गौरतलब है कि कर्नाटक में इस बार सूखा पड़ रहा है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने इसको लेकर कर्जों में कुछ राहत का ऐलान भी किया है। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष BY विजयेन्द्र ने कहा है कि कॉन्ग्रेस ने किसानों को गाली देने की संस्कृति और किसानों का जीवन खराब करने की नीति अपना ली है। यह जिम्मेदारी शिवानंद पाटिल को दी गई है।” उन्होंने शिवानंद पाटिल से तुरंत माफ़ी माँगने को कहा है।
ಪದೇ ಪದೇ ಅನ್ನದಾತರನ್ನು ಅವಮಾನಿಸುವುದು, ರೈತರ ಜೀವನವನ್ನು ಹಂಗಿಸುವುದು, ರೈತರ ಮೇಲೆ ದೌರ್ಜನ್ಯ ನಡೆಸುವುದು, ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ತನ್ನ ಸಂಸ್ಕೃತಿಯನ್ನಾಗಿ ಅಳವಡಿಸಿಕೊಂಡಂತಿದೆ. ಈ ಹಿನ್ನಲೆಯಲ್ಲಿ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರದ ಸಚಿವ ಶಿವಾನಂದ ಪಾಟೀಲರಿಗೆ ರೈತರನ್ನು ನಿಂದಿಸಿ ಅವಹೇಳನ ಮಾಡುವ ಉಸ್ತುವಾರಿ ವಹಿಸಿಕೊಟ್ಟಂತಿದೆ.
— Vijayendra Yediyurappa (@BYVijayendra) December 25, 2023
ಈ ಹಿಂದೆಯೂ ಶಿವಾನಂದ ಪಾಟೀಲರು… pic.twitter.com/8TP8XatNqe
शिवानंद पाटिल ने सितम्बर 2023 में भी किसानों पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि किसान मुआवजे का पैसा लेने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने कहा था कि यह तबसे बढ़ा है जबसे सरकार ने मुआवजे की धनराशि बढ़ाई है।
उन्होंने संवेदनहीनता दिखाते हुए कहा था कि जिन किसानों की मौत प्रेम प्रसंगों, हृदय गति रुकने या फिर शराब पीने से हो रही है उनको भी किसान आत्महत्याओं में दिखाया जा रहा है ताकि मुआवजा पाया जा सके। उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके लालची रिश्तेदार मुआवजे की धनराशि पाना चाहते हैं। यह मानव प्रकृति है कि गलत कारणों को दिखा कर मुआवजा लिया जाए।