मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार को भारत विरोधी बयानों के चलते अब तगड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत ने मालदीव को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को घटा दिया है। इसका ऐलान अंतरिम बजट 2024-25 में किया गया है। वहीं नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसियों को दी जाने वाली सहायता बढ़ा दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बजट 2024-25 में भारत द्वारा मित्र देशों को दी जाने वाली सहायता की जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत सरकार 2024-25 में मालदीव को ₹600 करोड़ की सहायता देगी। वर्ष 2024-25 में मोदी सरकार ने मालदीव को दी जाने वाली सहायता को 22% घटा दिया है।
मालदीव को वित्त वर्ष 2023-24 ₹770 करोड़ की सहायता दी गई थी। इस बार के बजट में मालदीव को ₹600 करोड़ की सहायता देने का ऐलान किया गया है। इससे पहले लगातार सरकार मालदीव को दी जाने वाली सहायता को बढ़ा रही थी। ऐसा तीन वर्षों में पहली बार हुआ है कि मालदीव की सहायता को घटाया गया है।
मालदीव को दी जाने वाली आर्थिक सहायता 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में चार गुने से भी अधिक कर दी गई थी। मालदीव को 2022-23 में जहाँ ₹183 करोड़ की सहायता दी गई थी तो वहीं यह 2023-24 में बढ़ कर ₹770 करोड़ हो गई। अब इसे सरकार ने घटाने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के पीछे मालदीव की नई नवेली मुइज्जू सरकार के भारत विरोधी रवैये को कारण माना जा रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति बने मोहम्मद मुइज्जू लगातार भारत विरोधी भावनाओं को भड़का रहे हैं। हाल ही में उनकी सरकार में शामिल मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध अपमानजनक बातें कही थी। इसको लेकर दोनों देशों के बीच कई दिनों तक कूटनीतिक स्तर पर तनातनी चली थी। मोहम्मद मुइज्जू खुद भी भारत विरोधी भावनाओं को भड़का कर सत्ता में आए हैं। उन्होंने हाल ही में भारत के सैनिकों को भी 15 मार्च तक वापस जाने को कहा था।
इन्हीं सब रवैयों को देखते हुए भारत ने मालदीव की सहायता से हाथ खींचने चालू कर दिए हैं। वरना भारत अपने पड़ोस के देशों को लगातार आर्थिक सहायता उनके विकास के लिए देता आया है। मालदीव को भारत ने इसी नीयत से सहायता दी थी। जिस दौरान सहयता बढ़ाई गई, तब यहाँ पर इब्राहिम मोहम्मद सोलिह राष्ट्रपति थे जो कि भारत के समर्थक माने जाते थे। अब मालदीव को भारत के इस कदम से तगड़ा झटका लगेगा क्योंकि भारत जो सहायता देता है, वह मालदीव के बजट का लगभग 1.5% है।
भारत ने 2024-25 में नेपाल और श्रीलंका को दी जाने वाली सहायता को बढ़ाने का निर्णय लिया है। नेपाल को 2023-24 के दौरान ₹650 करोड़ की सहायता दी गई थी। अब 2024-25 में नेपाल को ₹700 करोड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। वहीं श्रीलंका को अब ₹60 करोड़ की जगह ₹75 करोड़ की सहायता भारत देगा।
बांग्लादेश और म्यांमार को भी भारत ने क्रमशः ₹120 करोड़ और ₹250 करोड़ की सहायता देने का निर्णय लिया है। भारत अपने पड़ोसी भूटान को ₹2068 करोड़ की सहायता और लोन देगा। इसके अलावा ईरान में बन रहे चाबहार पोर्ट के लिए भी भारत ने ₹100 करोड़ देने का ऐलान किया है। अफगानिस्तान को ₹200 करोड़ की सहायता दी जाएगी।