दक्षिण भारत में काॅन्ग्रेस के एक और पूर्व नेता को बीजेपी अपने साथ लाने में कामयाब रही है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) को बीजेपी में शामिल हो गए। इससे एक दिन पहले मनमोहन सिंह सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी के बेटे अनिल ने बीजेपी का दामन थामा था।
किरण रेड्डी ने दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। भाजपा में शामिल होने के बाद रेड्डी ने कहा कि गलत नीतियों की वजह से कॉन्ग्रेस गर्त में जा रही है। वह जनता के मन की बात नहीं समझ पा रही ही।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “कॉन्ग्रेस से मेरा पुराना नाता था। मैंने कभी सोचा नहीं था कि कॉन्ग्रेस छोड़नी पड़ेगी। लेकिन कॉन्ग्रेस लोगों के मन की बात को नहीं समझ पा रही है। पार्टी गलत-सही पर विश्लेषण नहीं करती। पार्टी के लोग सोचते हैं कि वे सही हैं और देश की जनता समेत बाकी सब गलत हैं।”
#WATCH | “I had never imagined that I’ll have to leave Congress…There is a saying- ‘My king is very intelligent, he doesn’t think on his own, doesn’t listens to anyone’s advice’, “says former Congress leader Kiran Kumar Reddy on joining BJP in Delhi. pic.twitter.com/8s43F09WxK
— ANI (@ANI) April 7, 2023
किरण रेड्डी ने कहा कि कॉन्ग्रेस लीडरशीप के गलत फैसलों की वजह से हर राज्य में पार्टी टूट रही है। उनके लिए एक पुरानी कहावत है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वह न खुद सोचता है और न ही किसी का सुझाव मानता है। इसी सोच की वजह से मैंने कॉन्ग्रेस छोड़ दी। बता दें कि रेड्डी ने 11 मार्च 2023 को ही कॉन्ग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस संबंध में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को खत भेजा था।
इसके पहले भी किरण रेड्डी कॉन्ग्रेस छोड़ चुके हैं। साल 2014 में जब यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना राज्य का गठन को मंजूरी दी थी, तब रेड्डी ने इस फैसले का विरोध किया था। कॉन्ग्रेस से अलग होकर उन्होंने ‘जय समैक्या आंध्र’ नाम से पार्टी बना ली थी। साल 2018 में वे फिर से कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। अब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
इससे पहले गुरुवार (6 अप्रैल 2023) को अनिल एंटनी भी बीजेपी में शामिल हुए थे। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अनिल ने भी कॉन्ग्रेस लीडरशीप पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि कई कॉन्ग्रेस नेता एक परिवार की सेवा को अपना धर्म समझते हैं। मैं समझता हूँ कि मेरा धर्म राष्ट्र की सेवा करना है।