पूर्व IAS अधिकारी वीके पांडियन ने आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बीजू जनता दल की सदस्यता ले ली है। इससे पहले अक्टूबर, 2023 में उन्होंने IAS से त्यागपत्र दे दिया था। वह पटनायक के निजी सचिव थे। वहीं अब उनकी चर्चा ओडिशा के अगले CM और नवीन पटनायक के अगले उत्तराधिकारी के रूप में हो रही है।
वह एक दशक से नवीन पटनायक के साथ काम कर रहे हैं। उन्हें ओडिशा में नवीन पटनायक का दाहिना हाथ समझा जाता है। पांडियन का दबदबा सरकार से लेकर बीजू जनता दल तक रहा है। उन्हें पिछले महीने ओडिशा सरकार के 5T और नबीनओडिशा प्रोग्राम का मुखिया बनाया गया था।
#WATCH | Former IAS officer VK Pandian joins BJD in the presence of Odisha CM Naveen Patnaik, in Bhubaneswar
— ANI (@ANI) November 27, 2023
(Video source: BJD) pic.twitter.com/RKc43Pk09P
इस काम के लिए उन्हें त्यागपत्र के तुरंत बाद ओडिशा सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। बता दें कि पांडियन तमिलनाडु मूल के हैं और वर्ष 2000 बैच के ओडिशा कैडर के अफसर हैं। वह 2012 के बाद से नवीन पटनायक के साथ काम कर रहे हैं। उन्हें पटनायक के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा है।
48 वर्षीय पांडियन के प्रभाव के चलते उन्हें विपक्ष की आलोचना भी झेलनी पड़ रही थी। नवीन पटनायक के निजी सचिव रहते हुए उनके लोगों से मिलने, रैलियों को संबोधित करने और मुख्यमंत्री का प्रतिनधि बन कर जाने को लेकर कई बार प्रश्न उठे थे। विपक्ष का कहना था कि क्या कोई सेवायत अफसर एक राजनीतिक व्यक्ति की तरह व्यवहार कर सकता है?
पांडियन ने इन आरोपों के बीच अक्टूबर 2023 में त्यागपत्र दिया था और अब उन्होंने बीजू जनता दल की सदस्यता भी ले ली है। पांडियन के पार्टी की सदस्यता लेते समय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद रहे।
#WATCH | On former IAS officer VK Pandian joining the party, BJD MP Sasmit Patra in Bhubaneswar says, "…I believe with his strong leadership and strength BJD will continue to grow." pic.twitter.com/VDAUjbvn4X
— ANI (@ANI) November 27, 2023
बता दें कि पांडियन को वर्तमान में ओडिशा की राजनीति में सबसे ताकतवर व्यक्ति समझा जाता है। चूँकि, राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की जनता के बीच काफी कम ही तस्वीरें सामने आती हैं और वह कम ही लोगों से मिलते भी हैं। उनसे मिलने के लिए भी पांडियन से सम्पर्क रखना होता है।
गौरतलब है कि नवीन पटनायक वर्ष 2000 से ओडिशा के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। प्रत्येक चुनाव के साथ उनकी पार्टी की स्थिति राज्य में मजबूत होती गई है। 147 सीटों वाली ओडिशा विधानसभा में उनकी पार्टी की 111 सीटें हैं। बता दें कि ओडिशा में अगले विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ ही होंगे।
लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पांडियन का अपनी IAS सेवा छोड़ कर सीधे राजनीति में उतरना बड़ा संकेत दे रहा है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि राज्य में पुनः पार्टी को जीत मिलती है तो क्या 77 वर्षीय नवीन पटनायक, पांडियन को और बड़ी जिम्मेदारी देंगे?