रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को अपमानित करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के एक बार फिर रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने बजट सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर मंगलवार (28 फरवरी, 2023) को कहा, “मैं अपने पुराने बयान पर कायम हूँ। रामचरितमानस में जो भी कूड़ा-कचरा है, उसकी सफाई होनी चाहिए। अभी तो कुछ ही दोहों पर सवाल किया है, दर्जनों दोहे ऐसे हैं, जिसे बदलने की जरूरत है। मैं रामचरितमानस पर चुप रहने वाला नहीं हूँ। इसमें कई ऐसे दोहे हैं, जिस पर आगे भी सवाल उठाता रहूँगा।”
इस पर जदयू विधायक डॉ. संजीव ने उनका विरोध जताते हुए कहा है कि अगर आपको इतनी ही परेशानी है, तो अपना धर्म-परिवर्तन कर लें।
रामचरितमानस को कूड़ा-कचरा कहने पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “ऐसा मैंने नहीं, बल्कि डॉ. लोहिया ने कहा है। मैं तो केवल उनकी बातों को दोहरा रहा हूँ। विधानसभा में किसी की हिम्मत नहीं कि मेरे बयान पर सवाल खड़ा कर सके। मैं आज भी कह रहा हूँ कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया है। लोहिया और आंबेडकर की नजर से मैं इसे पढ़ता हूँ। आज का शूद्र पढ़ा-लिखा है। उसे बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।”
चंद्रशेखर के विवादास्पद बयान पर जदयू विधायक डॉ. संजीव ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि वह सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। इन्हें इलाज कराने की जरूरत है। रामचरितमानस पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है। शिक्षा मंत्री बताएँ उनका धर्म क्या है? इतनी परेशानी है, तो चंद्रशेखर अपना धर्म-परिवर्तन कर लें। इतनी हिम्मत है, तो दूसरे धर्मों के बारे में बयान देकर सड़क पर चलकर दिखाएँ। यह तो हिंदू धर्म की महानता है कि वह अभी तक इस तरह का बयान दे रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने चंद्रशेखर का और उनके बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि सभी समाजवादी आपके साथ हैं। चंद्रशेखर ने राममनोहर लोहिया के हवाले से कहा कि रामचरितमानस में हीरा-मोती भी है और कूड़ा-कचरा भी है, इसलिए हम कूड़ा साफ करेंगे और हीरा-मोती को रखेंगे।