राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने 31 दिसंबर को मंत्रियों और विशेषज्ञों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी। बैठक के दौरान राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की कोरोना रोकथाम को लेकर दी गई अजीबोगरीब सलाह पर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने सलाह दी कि बच्चों के जरिए लोगों में दहशत फैलाने पर लोग कोरोना गाइडलाइन का अच्छे से पालन करेंगे।
बैठक में उन्होंने कहा कि आम लोगों में कोरोना के प्रति दहशत फैलाना हो तो सबसे पहले स्कूल-काॅलेज और शिक्षण संस्थानों को बंद करना होगा। लोगों को बताना होगा कि बच्चों के माध्यम से ही कोरानो ज्यादा फैलता है। इससे दहशत फैलेगी और लोग सरकारी गाइडलाइंस का सही से पालन करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेज भले सप्ताह भर ही बंद कीजिए, लेकिन लोगों को मैसेज दीजिए कि कोरोना को लेकर सरकार कितनी गंभीर है।
दरअसल, समीक्षा बैठक में खाचरियावास कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सबसे पहले स्कूल, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद करने की पैरवी कर रहे थे। खाचरियावास ने कहा कि बच्चों के माध्यम से ही लोगों को कोरोना की गंभीरता के बारे में बताया जा सकता है। अगर बच्चों में दहशत फैलेगी तो लोग सरकार की गाइडलाइंस का अपने आप पालन करेंगे।
बता दें कि मीटिंग में उस दौरान खुद सीएम गहलोत भी मौजूद थे। खाचरियावास ने आगे कहा कि स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए। इस मीटिंग में सीएम एवं मंत्रियों के अलावा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर और चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौजूद थे। सीएम गहलोत ने मीटिंग में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को शिक्षण संस्थानों को लेकर गाइडलाइंस बनाने के निर्देश दिए। गाइडलाइंस के मुताबिक, गहलोत सरकार ने जयपुर में नगर निगम क्षेत्र में कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी-निजी शिक्षण संस्थानों को 9 जनवरी तक बंद करने का आदेश दिया है।
राजस्थान में कोरोना से बिगड़ते हालात, हुई पहली मौत
देश में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार (5 जनवरी 2022) को देश के पश्चिमी राज्य राजस्थान में ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़ी पहली मौत हुई है। राजस्थान में ओमिक्रॉन के अब तक कुल 174 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 88 मरीज ठीक भी हुए हैं।
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा मामले हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक, इस लिस्ट में महाराष्ट्र और दिल्ली सबसे आगे हैं। महाराष्ट्र में नए वेरिएंट के जहाँ 653 मामले हैं, वहीं दिल्ली में 464 मामले हो गए हैं। देश भर में ओमिक्रॉन के कुल 2,135 मामले आए हैं, जिनमें से 828 मरीज ठीक भी हुए हैं। आइए जानते हैं देश के अन्य राज्यों में ओमिक्रॉन की क्या स्थिति है।
देश के अन्य राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले
- महाराष्ट्र- ओमिक्रॉन के 653 मामले, 259 ठीक हुए
- दिल्ली- ओमिक्रॉन के 464 मामले, 57 ठीक हुए
- राजस्थान- ओमिक्रॉन के 174 मामले, 88 ठीक हुए
- हरियाणा- ओमिक्रॉन के 71 मामले, 59 ठीक हुए
- मध्य प्रदेश- ओमिक्रॉन के 9 मामले, 9 ठीक हुए
- चंडीगढ़- ओमिक्रॉन के 3 मामले, 2 हुए ठीक
- जम्मू-कश्मीर- ओमिक्रॉन के 3 मामले, 3 हुए ठीक