गुजरात में 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पार्टी के दो और MLA ने इस्तीफा दे दिया है। इनके नाम हैं- अक्षय पटेल और जीतू चौधरी।
पटेल कर्जन से तो चौधरी करपाड़ा से विधायक थे। दोनों का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने स्वीकार कर लिया है। एक और कॉन्ग्रेस विधायक के इस्तीफे की अटकलें हैं। अब तक कॉन्ग्रेस के सात विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।
Two MLAs Akshay Patel and Jitu Bhai Chaudhary (both from Congress) have resigned voluntarily from the post of MLA and I have accepted it: Rajendra Trivedi, Gujarat Assembly Speaker pic.twitter.com/nKqSeRgafo
— ANI (@ANI) June 4, 2020
बता दें कि इससे पहले मार्च में कॉन्ग्रेस के 5 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। AICC के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “मैं दो विधायकों के इस्तीफे की पुष्टि कर सकता हूँ। तीसरा, हम पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इन सबकी उम्मीद थी। यह गुजरात है। अगर वे (भाजपा) अन्य राज्यों में इस तरह का काम कर सकते हैं तो गुजरात उनका घरेलू मैदान है।”
जानकारी के मुताबिक, इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता इन दोनों विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन कई प्रयासों के बाद वे उन तक नहीं पहुँच पाए। गुजरात में कॉन्ग्रेस के इंचार्ज राजीव सातव ने ट्विटर पर इन सबके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और भाजपा पर अपने विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है।
उन्होंने लिखा, “भारत अपने स्वतंत्र इतिहास के सबसे बड़े स्वास्थ्य, आर्थिक और मानवीय संकट के बीच में है। तब भी, बीजेपी राज्यसभा चुनावों के लिए अवैध विधायकों में अपनी सारी ऊर्जा लगाने से परे नहीं सोच सकती, हालाँकि लोगों को नुकसान हो सकता है!”
India is in the midst of its independent history’s biggest health, economic & humanitarian crises. BJP, though, cannot think beyond putting all its energies in poaching legislators for RS polls, people be damned!
— Rajeev Satav (@SATAVRAJEEV) June 3, 2020
5 विधायक पहले दे चुके हैं इस्तीफा
गौरतलब है कि इससे पहले मार्च महीने में गुजरात कॉन्ग्रेस के 5 विधायकों प्रवीण मारू, मंगल गावित, सोमाभाई पटेल, जेवी काकड़िया और प्रद्युम्न जडेजा ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। बाद में कॉन्ग्रेस ने उन्हें पार्टी से भी सस्पेंड कर दिया था।
इसके बाद मध्यप्रदेश में बिगड़े हालातों को देखते हुए कोरोना संकट के बीच राज्यसभा इलेक्शन में बिखराव रोकने के कवायद के कारण गुजरात से पार्टी विधायकों को जयपुर व उदयपुर लाने की रणनीति बनाई गई और मीडिया के पूछने पर बताया गया कि सब कुछ ठीक है। बस हर पार्टी की रणनीति होती है। यहाँ आना भी रणनीति का ही हिस्सा है।
दरअसल, गुजरात राज्यसभा के मद्देनजर पार्टी को क्रॉस वोटिंग का डर था। इसी कारण सभी विधायक राजस्थान लाए गए थे।
Seventh Congress MLA resigns from the Assembly ahead of polling for Rajya Sabha seats in Gujarat https://t.co/IKRQfQaf69
— DeshGujarat (@DeshGujarat) June 4, 2020
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव पहले मार्च में होना तय था। लेकिन कोरोना के कारण इसकी तारीख आगे बढ़ानी पड़ी। इसके बाद चुनाव आयोग ने बताया था कि आँध्र प्रदेश और गुजरात की 4 राज्यसभा सीटों, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तीन-तीन सीटों, झारखंड की दो सीटों और 22 जून से पहले मणिपुर और मेघालय की 1 सीटों के लिए चुनाव होंगे।
कॉन्ग्रेस विधायकों के इस्तीफे के कारण गुजरात में एक बार फिर स्थिति 2017 के राज्यसभा चुनाव की तरह बनती दिख रही है। उस वक्त भी बीजेपी ने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतारा था और चुनाव से ठीक पहले कॉन्ग्रेस के 6 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। तब एक वोट निरस्त होने की वजह से कॉन्ग्रेस के अहमद पटेल चुनाव तो जीत गए थे, लेकिन चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कॉन्ग्रेस को पूरी ताकत झोंकनी पड़ी थी।
इस बार चार सीटों के लिए कॉन्ग्रेस ने दो तो बीजेपी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। कॉन्ग्रेस की तरफ से शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी कैंडिडेट हैं। बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरी अमीन को मौका दिया है। अमीन तीसरे उम्मीदवार हैं और वे एक जमाने में कॉन्ग्रेस में ही थे।
विधानसभा के मौजूदा गणित के हिसाब से राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार की जीत के लिए 35.01 वोट की जरूरत होगी। बीजेपी के 103 विधायक हैं। ऐसे में तीसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए उसे तीन अतिरिक्त वोटों की जरूरत होगी। माना जा रहा है कि इसके लिए वह भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और एनसीपी के एक विधायक के संपर्क में है। वहीं इस्तीफों के बाद विधानसभा में कॉन्ग्रेस के 66 सदस्य ही बचे हैं। उसे अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत के लिए कम से कम 70 वोटों की जरूरत है जो फिलहाल मुश्किल दिख रही है।