गुजरात में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने से पहले कॉन्ग्रेस के सपने बहुत बड़े-बड़े थे। उन्होंने सोचा हुआ था कि उनके हिस्से इतनी सीट आने वाली है कि उन्हें विपक्षी पार्टियों से अपने विधायक बचाने पड़ेंगे। इस बाबत उन्होंने कल (7 दिसंबर 2022) मीटिंग भी की थी। उनका प्लान था कि नए विधायकों को वो राजस्थान में शिफ्ट करेंगे। हालाँकि जब नतीजे आए तो हालत इतनी खस्ता थी कि आधे विधायक तो दूर की बात है उनके हिस्से ही कुल 17 सीट आती दिख रही हैं।
देश गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार, 7 दिसंबर 2022 को गुजरात कॉन्ग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकुर, राज्य के पार्टी प्रभारी रघु शर्मा समेत अन्य लोगों ने अहमदाबाद के पालदी इलाके में पार्टी हेडक्वार्टर में बैठक की थी। इस बैठक में ही निर्णय लिया गया था कि वो लोग अपने नवनिर्वाचित विधायकों को राजस्थान ले जाएँगे ताकि भाजपा उन्हें अपनी तरफ करने की कोशिश न कर सकें।
उनका प्लान ये भी था कि वो लोग अगर जीत के आँकड़ों के आधे तक भी पहुँचे तो निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने पाले में कर लेंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें आम आदमी पार्टी के साथ भी गठजोड़ करने में दिक्कत नहीं थी। हालाँकि नतीजे आने के बाद खेल पलट गया।
एक ओर जहाँ कॉन्ग्रेस ने विधानसभा चुनावों के नतीजों आने के पहले प्लान कुछ और बनाया हुआ था। वहीं नतीजे आने के बाद उनका प्लान किसी स्तर पर कारगर नहीं दिखा। अकेले भाजपा ने अपने दम पर बहुमत पाकर रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल कर ली है। वहीं कॉन्ग्रेस गठजोड़ करके भी कहीं से सत्ता में नहीं आ सकती।
ईसीआई के आँकड़ों के अनुसार भाजपा के हिस्से जहाँ 135 सीटें आ चुकी हैं और पार्टी 21 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं कॉन्ग्रेस को अभी तक केवल 12 सीट ही मिली हैं और जो सीटें जीतने की संभावना है वो 5 सीट हैं। कुल मिलाकर कॉन्ग्रेस के हिस्से अगर सीटें आएँगे तो मात्र 17 सीट आएँगी।