राजस्थान में शराबबंदी की माँग जोर पकड़ रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान आया है। उन्होंने दावा कि वह भी शराबबंदी का समर्थन करते हैं लेकिन जब तक कड़े इंतजाम नहीं किए जाएँगे, तब तक शराब प्रतिबन्ध के कोई मायने नहीं हैं। उन्होंने इस दौरान गुजरात का उदाहरण देकर विवाद खड़ा कर दिया। गहलोत ने विवादित बयान देते हुए कहा कि गुजरात में आज़ादी के बाद से ही शराब पर प्रतिबन्ध है लेकिन शराब की सबसे ज्यादा खपत गुजरात में ही होती है। उन्होंने गुजरात के बारे में आगे दावा किया कि राज्य में घर-घर में शराब पी जाती है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री शराबबन्दी की बढ़ती माँग से परेशान नज़र आ रहे हैं। उन्होंने लोगों को इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि राजस्थान में एक बार ऐसा प्रयास किया गया था लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि राजस्थान में शराबबंदी हुई थी लेकिन यह विफल रही। हालाँकि, आँकड़े गहलोत के बयान के उलट तस्वीर बयाँ करते हैं। अगर शराब से होने वाली सालाना कमाई की बात करें तो भारतीय राज्यों में तमिलनाडु 29,600 करोड़ रुपए के साथ प्रथम स्थान पर है।
तमिलनाडु के बाद 19,703 करोड़ रुपए के साथ हरियाणा दूसरे स्थान पर आता है और 18,000 करोड़ रुपए की सालाना कमाई के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है। इसके बाद क्रमशः कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब का नंबर आता है। अशोक गहलोत ने गुजरात के सीएम विजय रुपाणी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्होंने सिद्ध कर दिया कि गुजरात में शराब आसानी से नहीं मिलता है, तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
शराबबंदी को लेकर #Gujarat और #Rajasthan के मुख्यमंत्रियों में तनातनी!
— आज तक (@aajtak) October 9, 2019
(रिपोर्ट: @sharatjpr)https://t.co/BX81EuipJa
गहलोत के बयान के बाद गुजरात से तीखी प्रतिक्रिया आई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी और प्रवक्ता भरत पंड्या ने गहलोत के बयान को गुजरात, गुजरातियों और महात्मा गाँधी का अपमान बताया है। वाघानी ने पूछा कि कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारी रह चुके गहलोत एक सीएम के रूप में ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? उन्होंने वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता अशोक गहलोत के बयान को गुजराती जनता, महात्मा गाँधी और सरदार पटेल का अपमान करार दिया। उन्होंने पूछा कि क्या गुजरात में कॉन्ग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता शराबी हैं, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। वाघानी ने कहा, “गहलोत जी, आप अपने उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट को संभालिए, गुजरात अपना देख लेगा। हमारा राज्य इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेगा।“
Rajasthan CM Ashok Gehlot on liquor ban: This is the condition of Gandhi’s Gujarat. There is no point of a ban until some stringent arrangements are put in place. (06.10) https://t.co/soKZX3YyMM
— ANI (@ANI) October 7, 2019
वहीं गुजरात कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष अमित चावडा ने अशोक गहलोत के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को यह बात स्वीकार कर लेनी चाहिए कि गुजरात में शराबबंदी विफल रही है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात के गाँव-गाँव में शराब मिल रही है।