कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। ये अलग बात है कि उनकी ‘न्याय’ यात्रा जिस राज्य में पहुँचती है, या जिस राज्य से गुजरती है, वहाँ पर न सिर्फ कॉन्ग्रेस बल्कि पूरे इंडी गठबंधन के लिए दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। राहुल की यात्रा पूर्वोत्तर में जिस अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरी थी, महज एक दिन की यात्रा का असर ऐसा हुआ कि कॉन्ग्रेस पार्टी के आधे विधायक ही टूटकर पार्टी से अलग हो गए और बीजेपी में शामिल हो गए।
खास बात ये है कि अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में 60 सीटें हैं। इनमें से अब कॉन्ग्रेस के पास सिर्फ 2 विधायक ही बचे हैं और विपक्ष में कुल मिलाकर सिर्फ तीन विधायक। बाकी सभी विधायक सत्ता पक्ष में हैं, जिसमें से दो निर्दलीय विधायक भी हैं। नहीं समझे न? दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में जब साल 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तो बीजेपी ने 41 सीटें जीती थी और दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई थी। इसके साथ ही जेडीयू ने 7 सीटें जीती थी। नेशनल पीपल्स पार्टी ने 5 विधानसभा सीटें जीती, तो कॉन्ग्रेस ने चार सीटें। वहीं, पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने भी एक सीट जीती थी। इसके अलावा 2 निर्दलीय विधायक थे।
इसके बाद अरुणाचल में जेडीयू के सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। पीपल्स पार्टी का विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गया था। एनपीपी वैसे भी एनडीए का हिस्सा है। ऐसे में कॉन्ग्रेस के चार विधायक ही विपक्ष में बैठे थे। एक निर्दलीय विधायक बाद में टीएमसी में शामिल हो गए थे। कुल 5 विपक्षी विधायकों वाली अरुणाचल प्रदेश में अब कॉग्रेस के दो ही विधायक बचे हैं, तो टीएमसी का एक। बाकी के दो निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इस तरह से राहुल गाँधी ने जिस अरुणाचल प्रदेश में अपनी न्याय यात्रा एक दिन निकाली, उस अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के आधे विधायक ही बागी हो गए और वो बीजेपी में शामिल हो गए।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने खुद एक्स पर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री निनॉन्ग एरिंग, जो पासीघाट पश्चिम सीट से कॉन्ग्रेस के विधायक हैं, वो अब बीजेपी में आ चुके हैं। उनके साथ ही बोरदुनिया-बोगापानी के कॉन्ग्रेस विधायक वांगलिन लोवांगडोंग ने भी बीजेपी की सदस्यता ले ली। इस दौरान एनपीपी के विधायक मुच्चू मीठी जो रोइंग सीट से विधायक हैं, और उनके साथी बसर सीट से विधायक गोकर बसर भी बीजेपी में शामिल हो गए। इस दौरान असम के मंत्री और अरुणाचल में बीजेपी के चुनाव प्रभारी अशोक सिंघल भी मौजूद रहे।
Warmly welcomed Hon Congress MLAs – Shri @ninong_erring Ji & Shri @WanglinLowangdong Ji; and 2 NPP MLAs; Shri @Mutchu4 Ji, former State President, NPP and Shri @GokarBasar Ji – in the @BJP4Arunachal.
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) February 25, 2024
Their joining of party is a testament to their faith in the principles of good… pic.twitter.com/PvbyPNaNYB
खैर, ये मामला सिर्फ अरुणाचल का ही नहीं है, बल्कि राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जिन राज्यों से गुजरी, या जिन राज्यों में पहुँची या पहुँचने वाली थी। यानी किसी भी तरह का जुड़ाव न्याय यात्रा से अगर था, तो वहाँ पार्टी ही नहीं, बल्कि इंडी गठबंधन को नुकसान ही हुआ है। अरुणाचल से लेकर असम तक विद्रोह हुआ, तो पश्चिम बंगाल में दीदी ममता ने आँखें दिखा दी। बिहार में इंडी गठबंधन के सूत्रधार ने ही इंडी गठबंधन को छोड़ दिया, तो उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी जैसे नेताओं ने भी राहुल गाँधी का हाथ झटक दिया। महाराष्ट्र में अशोक चौहान से लेकर बाबा सिद्दीकी तक ने झटका दिया, तो कॉन्ग्रेस को सहयोगी दलों के सामने भी घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा है।
उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में उसे सपा की शर्तों पर लोकसभा चुनाव सिर्फ 17 सीटों पर लड़ना पड़ रहा है, तो पंजाब में इंडी गठबंधन में होने के बावजूद उसे आम आदमी पार्टी के खिलाफ अलग ही लड़ाई लड़नी पड़ रही है। वहीं, दिल्ली की सात में से 4 लोकसभा सीटें भी आप के लिए छोड़नी पड़ गई। ऐसे में समझ सकते हैं कि इंडी गठबंधन में कॉन्ग्रेस पार्टी को लगातार नुकसान पर नुकसान ही झेलना पड़ रहा है।