समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या के बोल फिर से बिगड़े हैं। उन्होंने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया है, जिसमें वो हिंदू धर्म, ब्राह्मणों पर टिप्पणी करते दिख रहे हैं। वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्या बोल रहे हैं, “ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है।”
स्वामी प्रसाद मौर्या आगे कहते हैं कि सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फँसाने की एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर तमाम उदाहरण दिए और पूरी कोशिश इस बात की करते रहे कि हिंदू कोई धर्म ही नहीं है। उन्होंने क्या कुछ कहा, वीडियो में सुन लीजिए।
ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में… pic.twitter.com/351EJeSBlY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 27, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्या के इस वीडियो पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। किसी ने उनकी खत्म होती राजनीतिक हैसियत को याद दिलाया, तो किसी ने उनकी बेटी के भाजपा में अब तक बने रहने पर सवाल उठाया। कई लोगों ने समाजवादी पार्टी को स्वामी प्रसाद मौर्या से दूर रहने की सलाह दी, तो किसी ने स्वामी प्रसाद मौर्या को धर्म का आइना दिखलाया।
हिंदू एक सामूहिक शक्ति का नाम
एक यूजर अभिषेक लिखते हैं, “हिंदू धर्म में समाज के सभी वर्ग समाहित हैं- दलित, आदिवासी या पिछड़े, यह सभी हिन्दू समाज का अभिन्न अंग है। हिन्दू एक सामूहिक शक्ति का नाम है। ब्राह्मणों को गाली देना सरल है क्योंकि वे अधिकांश सहिष्णु ही रहता है लेकिन जब सहिष्णु सीमा का बाँध टूटता है तो इतिहास रचता है, भूलना मत।”
हिंदू धर्म में समाज के सभी वर्ग समाहित है..दलित, आदिवासी या पिछड़े..यह सभी हिन्दू समाज का अभिन्न अंग है..हिन्दू एक सामूहिक शक्ति का नाम है।
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) August 27, 2023
ब्राह्मणों का गाली देना सरल है क्योंकि वे अधिकांश सहिष्णु ही रहता है लेकिन जब सहिष्णु सीमा का बांध टूटता है तो इतिहास रचता है..भूलना मत।
इस युवा ने तो पूरा लेख लिख कर स्वामी प्रसाद को दिखाया आइना
विवेक नाम के यूजर ने बड़ा पोस्ट स्वामी के वीडियो के जवाब में लिखा है, वो लिखते हैं, “नेवला भैया बर्दपोंग वाली राजनीति मत करो। योग्यता की राजनीति करो, जिससे प्रदेश व देश का भविष्य उज्ज्वल हो।आज 7 दशकों से भारत में संविधान का राज है, जो जिसे जैसे भी परेशान कर रहा है। उसे उस तरह का संवैधानिक दण्ड मिल रहा है। फिर क्यों माहौल महिमामण्डित करके समाज मे आग लगा रहे हो।”
तथाकथित ओबीसी समुदाय के बीच अपनी खोई हुई जमीन को बचाने का सबसे सरल तरीका है "ब्राह्मणों" को गाली देना।दुःख इस बात का होता है…..बोलता भी वो है जिसके लिए काला अच्छर भैंस बराबर हो।
— Vivek Mishra (@Real_Vivek1) August 27, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य संविधान को मानते हैं…. तो जाहिर सी बात है सुप्रीम कोर्ट को भी मानते ही होंगे।…
हिंदू धर्म के आधार हैं दलित एवं आदिवासी
देव नाम के यूजर ने स्वामी प्रसाद मौर्या को करारा जवाब दिया है। उन्होंने लिखा, “रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि एक दलित थे, महाभारत के रचयिता वेदव्यास की माता भी दलित थी, रामायण निषादराज, शबरी, और वनवासी वानर सेना के बगैर पूर्ण नहीं हो सकती, महाभारत में वनवासी हिंडिबा, घटोत्कच, बर्बरीक, एकलव्य, राधेय कर्ण के बिना अधूरा है, दलित और आदिवासी आधार हैं हिंदू धर्म के।”
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि एक दलित थे,महाभारत के रचयिता वेदव्यास की माता भी दलित थी,रामायण निषादराज, शबरी,और वनवासी वानर सेना के बगैर पूर्ण नहीं हो सकती, महाभारत में वनवासी हिंडिबा, घटोत्कच, बर्बरीक,एकलव्य, राधेय कर्ण के बिना अधूरा है,दलित और आदिवासी आधार हैं हिंदू धर्म के।
— Dev Mishra (@DevMish37630828) August 28, 2023
पुलकित खरे लिखते हैं, “मौर्य जी, मैं ब्राह्मण नहीं हूँ। मैं कायस्थ हूँ और गर्व से खुद को सनातनी हिंदू मानता हूँ। आप ऐसे बयानों से अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे हैं।”
मौर्य जी,
— Pulkit Khare 🇮🇳 (@PulkitKhare) August 27, 2023
मैं ब्राह्मण नहीं हूं।
मैं कायस्थ हूं और गर्व से खुद को सनातनी हिंदू मानता हूं।
आप ऐसे बयानों से अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे हैं।
एसडीएम नाम के यूजर लिखते हैं, “इसका मुँह बहुत बड़ा गटर है, जब भी खुलेगा गंदगी ही निकलेगी, ज्यादातर ऐसे नेताओं ने दलित, पिछड़ों और कमजोर लोगों का मसीहा बन कर तबीयत से माल कूटा है, ऐसा कोई नेता गरीब नहीं है।”
इसका मुहँ बहोत बड़ा गटर है, जब भी खुलेगा गंदगी ही निकलेगी, ज्यादातर ऐसे नेताओ ने दलित, पिछड़ों और कमजोर लोगों का मसीहा बन कर तबीयत से माल कूटा है, ऐसा कोई नेता गरीब नहीं है
— SDS (@SDS1611) August 28, 2023