Sunday, October 13, 2024
Homeराजनीति'हिन्दू कोई धर्म नहीं, केवल धोखा है': सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या ने फिर...

‘हिन्दू कोई धर्म नहीं, केवल धोखा है’: सपा के स्वामी प्रसाद मौर्या ने फिर उगला जहर, लोगों ने कहा- ‘इसका मुँह गटर, जब भी खुलेगा गंदगी ही निकलेगी’

वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्या बोल रहे हैं, "ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है।"

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या के बोल फिर से बिगड़े हैं। उन्होंने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया है, जिसमें वो हिंदू धर्म, ब्राह्मणों पर टिप्पणी करते दिख रहे हैं। वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्या बोल रहे हैं, “ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है।”

स्वामी प्रसाद मौर्या आगे कहते हैं कि सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फँसाने की एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर तमाम उदाहरण दिए और पूरी कोशिश इस बात की करते रहे कि हिंदू कोई धर्म ही नहीं है। उन्होंने क्या कुछ कहा, वीडियो में सुन लीजिए।

स्वामी प्रसाद मौर्या के इस वीडियो पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। किसी ने उनकी खत्म होती राजनीतिक हैसियत को याद दिलाया, तो किसी ने उनकी बेटी के भाजपा में अब तक बने रहने पर सवाल उठाया। कई लोगों ने समाजवादी पार्टी को स्वामी प्रसाद मौर्या से दूर रहने की सलाह दी, तो किसी ने स्वामी प्रसाद मौर्या को धर्म का आइना दिखलाया।

हिंदू एक सामूहिक शक्ति का नाम

एक यूजर अभिषेक लिखते हैं, “हिंदू धर्म में समाज के सभी वर्ग समाहित हैं- दलित, आदिवासी या पिछड़े, यह सभी हिन्दू समाज का अभिन्न अंग है। हिन्दू एक सामूहिक शक्ति का नाम है। ब्राह्मणों को गाली देना सरल है क्योंकि वे अधिकांश सहिष्णु ही रहता है लेकिन जब सहिष्णु सीमा का बाँध टूटता है तो इतिहास रचता है, भूलना मत।”

इस युवा ने तो पूरा लेख लिख कर स्वामी प्रसाद को दिखाया आइना

विवेक नाम के यूजर ने बड़ा पोस्ट स्वामी के वीडियो के जवाब में लिखा है, वो लिखते हैं, “नेवला भैया बर्दपोंग वाली राजनीति मत करो। योग्यता की राजनीति करो, जिससे प्रदेश व देश का भविष्य उज्ज्वल हो।आज 7 दशकों से भारत में संविधान का राज है, जो जिसे जैसे भी परेशान कर रहा है। उसे उस तरह का संवैधानिक दण्ड मिल रहा है। फिर क्यों माहौल महिमामण्डित करके समाज मे आग लगा रहे हो।”

हिंदू धर्म के आधार हैं दलित एवं आदिवासी

देव नाम के यूजर ने स्वामी प्रसाद मौर्या को करारा जवाब दिया है। उन्होंने लिखा, “रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि एक दलित थे, महाभारत के रचयिता वेदव्यास की माता भी दलित थी, रामायण निषादराज, शबरी, और वनवासी वानर सेना के बगैर पूर्ण नहीं हो सकती, महाभारत में वनवासी हिंडिबा, घटोत्कच, बर्बरीक, एकलव्य, राधेय कर्ण के बिना अधूरा है, दलित और आदिवासी आधार हैं हिंदू धर्म के।”

पुलकित खरे लिखते हैं, “मौर्य जी, मैं ब्राह्मण नहीं हूँ। मैं कायस्थ हूँ और गर्व से खुद को सनातनी हिंदू मानता हूँ। आप ऐसे बयानों से अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे हैं।”

एसडीएम नाम के यूजर लिखते हैं, “इसका मुँह बहुत बड़ा गटर है, जब भी खुलेगा गंदगी ही निकलेगी, ज्यादातर ऐसे नेताओं ने दलित, पिछड़ों और कमजोर लोगों का मसीहा बन कर तबीयत से माल कूटा है, ऐसा कोई नेता गरीब नहीं है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रेल पटरी से तोड़फोड़, इसलिए खड़ी मालगाड़ी से टकराई बागमती एक्सप्रेस? NIA को साजिश का शक, उत्तराखंड के रुड़की में ट्रैक पर मिला गैस...

मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस मुख्य लाइन की बजाय गलती से लूप लाइन में चली गई और वहाँ खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। NIA इसकी जाँच कर रही है।

भारत ने कनाडा की खोली पोल-पट्टी, PM मोदी संग जस्टिन ट्रूडो की चर्चा का कर रहा था दावा: आतंकी निज्जर की हत्या में माँगे...

भारत ने कहा है कि कनाडा के पीएम ट्रूडो बिना किसी सबूत के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप मोदी सरकार पर नहीं लगा सकते।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -